75 दिन के लिए चौपला चौराहा बंद, गलियों में लग रहा जाम

बरेली। शहर के चौपुला चौराहे पर पुल निर्माण के नाम पर शहर वासियों के सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है। धीमी गति से होता निर्माण लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है। इस पुल के निर्माण के नाम पर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप रही है। अब चौपुला चौराहे को सोमवार से 75 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। सेतु निगम अधिकारी ऐसा करने की वजह लोगों की सुरक्षा बता रहे है। उनका कहना है कि निर्माण के दौरान वहां से गुजरने वाले लोगों पर पुल की शटरिंग गिरने से कोई हादसा हो सकता है। साफ है कि नकारापन दिखाया जा रहा है या लोगों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। चौपुला पुल निर्माण के दौरान ही वहां सर्विस लेन दुरुस्त कराने से बचने के लिए यह एक नया बहाना माना जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस के लिए भी सेतु निगम का यह फैसला सिरदर्द बना हुआ है। रविवार को ट्रायल के दौरान ही पूरी ट्रैफिक व्यवस्था ही ध्वस्त हो गई थी। आलम यह था कि सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, नेकपुर, बिहारीपुर की गलियां तक जाम हो गई थी। सोमवार को चौपुला से माल गोदाम को जाने वाले रास्ते को करीब साढे 3 महीने बाद पैदल और बाइक से जाने वालों को खोल दिया गया जबकि इसे बंद करते समय बताया गया था कि केवल 50 दिनों के लिए इसे बंद रखा जाएगा। एक और प्रयोग करने के लिए सोमवार को सुभाषनगर पुलिया के रास्ते को वनवे कर दिया गया। वहां शहर की ओर से जाने वाले ऑटो, ई-रिक्शा समेत चौपाया वाहनों को पुलिया पर प्रवेश को पाबंदी रही। जिससे सुभाषनगर, बदायूं रोड की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गलियों के लोगों ने परेशान होकर वहां से गुजरने वाले ट्रैफिक को रोकने के लिए बैरिकेडिंग तक लगा रखी है। यही नहीं चौपुला चौराहा बंद करने के फैसले के चलते वहां के आसपास के दुकानदारों का कारोबार भी ठप हो गया है। जनहित के निर्माण को तेजी से कराया जाना चाहिए लेकिन शाहमतगंज जैसे घनी बस्ती में वहां के पुल का निर्माण 11 महीने में हो गया था। मगर चौपुला पुल 2 वर्ष में 800 मीटर तक नहीं बन सका। अब ढाई महीने का समय और मांगा जा रहा है। इस पुल का शिलान्यास 29 नवंबर 2018 को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया था। इस पुल की लागत 59 करोड़ 31 लाख 31 हजार आंकी गई थी। सभी ब्रांच को मिलाकर इस पुल की कुल लंबाई 11 सौ 9 मीटर है मगर इन 2 सालों में केवल 800 मीटर का टुकड़ा भी पूरा नहीं हो सका। शहर की तमाम गलियों में खड़ी कारें भी लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। संकरी गलियों में लोगों के घरों के बाहर खड़ी कारें जाम का कारण बन रही है। शहर में तमाम लोग ऐसे हैं कि उन्होंने कार को खरीद ली है लेकिन खड़ी करने को उनके घर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। ऐसे लोग अपने घरों के बाहर गली या सड़क पर ही अपने वाहन को खड़े करते हैं। अब ट्रैफिक डायवर्ट होने की वजह से इन गलियों में आवागमन बढ़ गया है। जिससे की गलियों में खड़ी कारें मुसीबत बन रही हैं।।

बरेली से कपिल यादव

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