बरेली। 55 घंटे के लॉकडाउन का पालन कराने के लिए इस बार अफसरों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। इस दो दिवसीय बंदी की घोषणा सरकार की ओर से एक दिन पहले ही कर दी गई थी। जिस कारण लोगों ने लॉकडाउन से एक दिन पहले ही अपने बाजार से संबंधित काम निपटा लिए थे। जिससे लॉकडाउन काफी हद तक सफल दिखाई दिया। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग मुख्य हथियार का काम करता है। सोशल डिस्टेंसिंग की सही से अमल में लाने की मंशा से लॉकडाउन लागू किया जाता है ताकि लोग घरों से नहीं निकले और अन्य लोगों के संपर्क में नहीं आ सकेंगे। जिससे संक्रमण फैलने से काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है। बीते दिनों अब तक लगे लॉकडाउन से लोगों में अफरा तफरी मच गई थी। लोगों में अनिश्चितता का भाव पैदा हो गया था। जिस वजह से अपने जरूरत की चीजों को जुटाने के लिए लोग बाजारों की ओर जाने के लिए लॉकडाउन उल्लंघन कर रहे थे। उस समय लॉकडाउन का पालन कराने के लिए अफसरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। पुलिस को भी लोगों से लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सड़कों पर उतर कर लाठी भांजनी पड़ी थी। इसका एक कारण यह भी था कि उस लॉकडाउन से पहले लोगों को केवल साढे तीन घंटे पहले ही सूचना मिली थी। जबकि इस बार पूरे एक दिन पहले सूचना मिल गई थी। जिससे लोग अपने काम निपटा कर घरों में ही रहे। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस प्रशासन को भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। यहां तक की सड़कों पर न तो प्रशासनिक अफसरों को निकलना पड़ा और न ही सड़कों पर ज्यादा पुलिस दिखाई दी।।
बरेली ब्यूरो :- कपिल यादव