क्या राजधानी अब बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं रही?

लखनऊ- हाल में स्कूलों में बच्चों पर जानलेवा हमले , जंगल में पहली कक्षा की छात्रा की हत्या। ऐसी कई घटनाएं गवाह है कि राजधानी बच्चों के लिए सुरक्षित नही रह गई है। हाल यह है कि बाल अपराधों में देश के 19 बड़े शहरों में लखनऊ पांचवें स्थान पर है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, लखनऊ में वर्ष 2016 में 956 बच्चों के साथ जघन्य अपराध हुए। वहीं, 81 बच्चे दुराचार व यौन हिंसा के शिकार बने।
एनसीआरबीआई के आंकड़ों के अनुसार लखनऊ से ऊपर केवल दिल्ली (7,392 बाल अपराध), मुंबई (3,400), पुणे (1,180) और बंगलुरु (1,086) हैं। यही नहीं, प्रमुख शहरों में बाल अपराध के 19,081 मामलों में 5 फीसदी लखनऊ के हैं। बाल अधिकारों व संरक्षण पर लखनऊ पुलिस को विशेष ध्यान देने की जरूरत है नही तो अपराध को रोंकना मुश्किल हो जायेगा ।

470 मामले चाइल्ड अब्यूज के
चाइल्ड लाइन लखनऊ के समन्वयक अजीत कुशवाहा बताते हैं कि साल 2017 में ही उनके पास बच्चों के अब्यूज के 470 मामले आए। इन शिकायतों में स्कूलों की शिकायतों के साथ लड़कियों के उत्पीड़न की शिकायतें भी शामिल होती हैं।
-लखनऊ से अनुज मौर्य की रिपोर्ट

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