बरेली- नगर निगम के एक भ्रष्ट अभियंता द्वारा कुछ लोगों के साथ मिलकर सड़क मरम्मत के नाम पर रुपए 258 लाख ठिकाने लगाए जाने का षडयंत्र किया जा रहा था जिसकी शिकायत नगर निगम बरेली के बहुत ही वरिष्ठ एवं नियमों के जानकार पार्षद सतीश चन्द्र सक्सेना कातिब मम्मा तथा पार्षद दीपक सक्सेना द्वारा शपथ पत्र देकर नियमों की अवहेलना को बिंदुवार मुख्यमंत्री जी से की गयी थी।
बता दे कि पार्षद दीपक सक्सेना ,पार्षद सतीश चन्द्र सक्सेना कातिब मम्मा व श्रीमती शशि सक्सेना व अभिषेक सक्सेना ने नोडल अधिकारी नवनीत सहगल से मिलकर इस प्रकरण की संयुक्त रूप से उनके संज्ञान में लाया गया था और जांच की मांग की गयी थी इस सम्बंध में शासन ने शिकायत की सत्यता हेतु शपथपत्र माँगे थे जो दे दिऐ गये थे और जाँच प्रारम्भ हो गई।
बरेली विकास प्राधिकरण के अधिक्षण अभियंता आर.के.जैसवाल द्वारा बन्नूवाल कालोनी को अवैध मानते हुए शिकायत के आधार पर इसको निरस्त करने की अनुसंशा की गयी थी । जांच के बाद आज 15 वे वित्त आयोग की समिति की बैठक में विषय की गंभीरता को देखते हुए तथा शिकायत पर की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर समिति के अध्यक्ष महापौर डॉ उमेश गौतम ने इस घोटाले को रोककर नगर निगम को 258 लाख रुपए की होने वाली आर्थिक क्षति से बचा लिया । महापौर डॉ उमेश गौतम ने बन्नुवाल कॉलोनी में सड़क मरम्मत के नाम पर ₹258 लाख के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से निरस्त कर एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।
जिस पर पार्षद सतीश कातिब मम्मा, शशि सक्सेना, दीपक सक्सेना व अभिषेक सक्सेना उनका आभार प्रकट किया।साथ ही अनुरोध किया कि ऐसे भ्रष्ट अभियंता के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही भी करायें।