बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय जुड़े कॉलेज वाले प्रैक्टिकल के लिए अपनी मर्जी से परीक्षक नही चुन सकेंगे। कॉलेज वालों को अब पहले से तय तारीख पर विश्वविद्यालय को सूचना देनी होगी। इसी आधार पर यूनिवर्सिटी की ओर से प्रैक्टिकल के लिए परीक्षक भेजे जाएंगे। बता दें कि अभी तक कॉलेज वाले वायवा और प्रैक्टिकल में मनमाने अंक देने के नाम पर छात्र-छात्राओं से रुपए वसूले लेते थे। अभी तक कॉलेज वाले अपने चहेते परीक्षकों को बुलाकर प्रैक्टिकल और वायवा करवा लेते थे और अंक विश्वविद्यालय भेज दिए जाते थे। इस बात की शिकायत कई बार विश्वविद्यालय में हो चुकी है। लेकिन अब विश्वविद्यालय ने नियमानुसार प्रैक्टिक्ल और वायवा निर्धारित कर दिया है। इस नए नियम के तहत यूनिवर्सिटी की ओर से निर्धारित तिथि पर ही प्रैक्टिकल कराना होगा और और इसके लिए यूनिवर्सिटी की ओर से परीक्षक भी भेजे जाएंगे। बता देंं कि हर साल यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों में नबंरोंं को लेकर मोटा खेल होता है। वायवा में अच्छे अंक का लालच देकर छात्र-छात्राओं से रुपए लिए जाते है। चहेते परीक्षक कई बार बिना प्रैक्टिकल लिए ही अंक दे देते हैं। विश्वविद्यालय के पास पिछले साल ही कई कॉलेजों की ओर से शिकायतें भी आई थी।।
बरेली से कपिल यादव