विश्व प्रसिद्ध रामलीला: राम-सीता के विवाह का हुआ सुदंर मंचन

बरेली। ब्रह्मपुरी में चल रही रामलीला में आज भगवान राम सीता का विवाह, रानी कैकई दशरथ संवाद, कैकई भरत संवाद तथा श्रीराम के वनवास जाने की लीला का मंचन किया गया। गुरु व्यास मुनेश्वर जी महाराज ने आज लीला की कथा के विषय में बताते हुए वर्णन किया कि दशरथजी के साथ अन्य सभी राज्यकर्मी व प्रजाजनों को साथ ले जनकपुर पहुंचे और उनकी उपस्थिति में तीनों भाईयों तथा श्रीराम व माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संपन्न हुआ। इसके पश्चात राजा दशरथ सबको साथ ले अयोध्या लौट आये। जब राम और सभी भाईयों के विवाह का शुभ अवसर बीत गया तो राजा दशरथ अपने ज्येष्ठ पुत्र राम को राजगद्दी सौंपने की तैयारी करने लगे, पूरी प्रजा और परिवार हर्षोल्लास से भर गए। राजा दशरथ की दूसरी रानी कैकई की एक दासी थी मंथरा। राम के राज्याभिषेक की बात सुन मन में कुछ अलग विचार बना के मंथरा ने रानी कैकेयी को यह बात कही कि तुम्हारे सुखों का अंत होने वाला है। महाराज दशरथ ने कल सुबह राम का राज्याभिषेक करने का निर्णय लिया है। यदि राम राजा बने तो भरत उनके दास हो जाएंगे और उन्हें स्वयं कौशल्या की दासी बनना पड़ेगा। मंथरा ने कैकेयी से कहा कि यदि वह राजा दशरथ से मिले दो वर आज मांग ले तो यह समस्या समाप्त हो सकती है। वह दो वर थे राम को 14 वर्ष का वनवास व भरत को अयोध्या का राजा बनाना। रानी कैकेयी को मंथरा का यह सुझाव पसंद आया और उस की बातों में आकर रानी कैकई ने सारे वस्त्र-आभूषण त्याग कर मलिन रूप धारण कर लिया और कोप भवन में जाकर बैठ गईं। जब राजा दशरथ उनसे मिलने पहुंचे तब कैकई ने उनसे कहा।

राजा दशरथ ये सुनकर चकित रह गए और उन्होंने रानी को समझाने की बहुत कोशिश की। बहुत भरे मन से उन्होंने राम को वन जाने की अनुमति दी, सभी माताओं से भी आज्ञा ले राम भाई लक्ष्मण और सीता जी के साथ वनवास को प्रस्थान करते हैं, उधर जब भरत अपनी ननिहाल से लौटते हैं और उनको ये सब ज्ञात होता है तो वो कैकई से बहुत वाद विवाद करते हैं।

प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि कल निषाद गंगा घाट (नाव) की शोभायात्रा पूरे क्षेत्र में निकाली जायेगी तथा केवट संवाद की लीला का मंचन साहूकारा की तुलसी गली में होगा। अध्यक्ष सर्वेश रस्तोगी ने कहा कि होली के अवसर पर निकली राम बारात को भव्य बनाने में कमेटी के सभी पदाधिकारियों व तमाम रामभक्तों का सहयोग रहा, प्रभु श्रीराम की कृपा सब पर बनी रहे।सबका आभार।
अन्य पदाधिकारियों में अंशु सक्सेना, पंकज मिश्रा, राजू मिश्रा, राजकुमार गुप्ता, सुनील रस्तोगी, लवलीन कपूर, नवीन शर्मा, विवेक शर्मा, गौरव सक्सेना, दिनेश दद्दा, पंडित सुरेश कटिहा, सत्येंद्र पांडेय, महिवाल रस्तोगी, नीरज रस्तोगी, अखिलेश अग्रवाल, दीपेन्द्र वर्मा, धीरज दीक्षित, पंडित विनोद शर्मा, अनमोल रस्तोगी, कमल टण्डन आदि मौजूद रहे।

– बरेली से सचिन श्याम भारतीय

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