रक्षाबंधन तीन को, 30 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। सावन मास की पूर्णिमा को भाई और बहन के पवित्र प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा। तीन अगस्त को इस त्यौहार के दिन ही सावन का आखिरी सोमवार भी है। भद्रा के बावजूद इस बार रक्षाबंधन का त्योहार विशेष शुभ योग और संयोग के बीच मनाया जाएगा। हालांकि, तमाम भाई-बहन जो एक-दूजे से दूर हैं, वे वर्चुअल तरीके से त्योहार मनाएंगे।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, रक्षाबंधन इस बार सावन के आखिरी सोमवार को है। इसके साथ ही, इस दिन विशेष प्रीति योग, आयुष्मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग में होने से किसी भी समय बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी। यह खास संयोग करीब 30 साल बाद बन रहा है। राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। मान्यता है कि रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उसे राखी बांधी थी, इसलिए उसका सर्वनाश हो गया। मगर, अबकी बार रक्षाबंधन पर भद्रा केवल सुबह 9.29 बजे तक ही है। भद्रा सूर्यदेव की पुत्री हैं, लेकिन किसी भी कार्य के लिए उन्हें शुभ नहीं माना जाता। लिहाजा रक्षाबंधन सुबह 9.29 बजे के बाद ही मनाया जाना शुभ रहेगा। दोपहर 1.35 बजे से शाम 4.35 बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त है। इसके बाद शाम 7.30 बजे से रात 9.30 बजे के बीच भी राखी बांधी जा सकती है।
मनोकामना होगी पूरी, प्रेम बढ़ाएंगे शुभ संयोग
शुभ ग्रहों और नक्षत्रों की मौजूदगी भाई-बहन के प्रेम को और मजबूत बनाएंगे। सर्वार्थ सिद्धि योग की वजह से रक्षाबंधन पर भाई और बहन दोनों की मनोकामनाएं पूरी होंगी और उनके बीच प्रेम बढ़ेगा। आयुष्मान योग भाई की कलाई पर बंधने वाले रक्षासूत्र को और मजबूत बनाकर उसे दीर्घायु प्रदान करेगा। वहीं, सोमवार के दिन पूर्णिमा होने से भगवान शिव की कृपा भी रहेगी। मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य आपस में समसप्तक योग बना रहे हैं, शनि और सूर्य दोनों ही आयु बढ़ाते हैं।
संक्रमण से बचने को ऑनलाइन बांधी जाएंगी राखी
अबकी बार भाई-बहन के प्रेम पर भी कोरोना का साया मंडरा रहा है। दूरदराज रह रहे भाई-बहन अबकी बार एक-दूजे से नहीं मिल सकेंगे। मगर, रक्षाबंधन मनाने की ठान रखी है। बहनें वीडियो कॉल कर भाई की आरती उतारेंगी। भाई ऑनलाइन गिफ्ट बहनों को भेजेंगे। साथ ही, बहनें कोरियर से भी भाइयों को रक्षासूत्र भेजेंगी। कुछ भाइयों ने सरप्राइज देने के लिए अभी से ऑनलाइन गिफ्ट बुक कर दिए हैं, जो दो अगस्त तक बहनों के पास पहुंच जाएंगे।
शुभ मूूहूर्त
– सुबह 9.30 बजे से रात 9.57 बजे बांध सकते हैं राखी।
– दोपहर दो बजे से शाम सात बजे तक चर, लाभ, अमृत योग।
– सुबह 7.18 से अगले दिन सूर्योदय तक सर्वार्थ सिद्धि योग।
– चंद्र का मकर राशि में प्रवेश के साथ ही प्रीति योग का निर्माण।
– सुबह 6.40 बजे के बाद ही शुरू हो जाएगा आयुष्मान योग।
ऑनलाइन ही सही पर विधि विधान का रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अबकी बार भले ही कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन रक्षाबंधन मनाने पर जोर है फिर भी विधि विधान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। भाई-बहन जब एक दूसरे को वीडियो कॉल करें तो बहनें पहले कृष्ण भगवान की तस्वीर सामने रखकर उन्हें राखी बांधे, मिठाई खिलाएं। भगवान की आरती उतारने और टीका लगाने के बाद ही भाई की आरती उतारें। साथ ही, इस दौरान रक्षासूत्र बांधते हुए ईश्वर को समर्पित मनोकामना करें। ताकि भगवान का आशीर्वाद दोनों को समान रूप से मिल सके।।

बरेली से कपिल यादव

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