नगर निगम ने हॉस्पिटल, होटल, फैक्ट्री, शोरूम, मार्केट पर की बड़ी कार्रवाई, ताबड़तोड़ सीलिंग

बरेली। नगर निगम इस समय उन जमीनों पर कब्जे के लिए अभियान चला रहा है जो जमीन कागज पर तो उसके नाम से दर्ज हैं लेकिन मौके पर अब तक उसका इन जमीनों पर कब्जा नहीं था। इसके लिए अब वह अभियान चला रहा है। इसके पहले भी उसने जंक्शन रोड पर अभियान चलाया था। वहां पर भी सराय की जमीन पर उसने खाली कराया था। इतना ही नहीं रामपुर गार्डेन में करोड़ों रुपये की जमीन को भी नगर निगम ने अपने कब्जे में लिया था। शुक्रवार को नगर निगम की टीम ने हाउस, वाटर और सीवर टैक्स जमा न करने वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। नगर निगम की टीम दोपहर प्रेमनगर धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल पहुंची। यहां अस्पताल के सड़क पार वाले हिस्से की जमीन को नगर निगम ने कब्जे में ले लिया। इसके साथ ही वहां चल रहे आयुर्वेदिक अस्पताल को भी सील कर दिया। इसके साथ ही धर्मदत्त अस्पताल के सामने चल रही 22 दुकानों को भी बंद कराकर सीलिंग की कार्रवाई की। अस्पताल के करीब 42 वर्ग गज भूमि पर निगम ने लिया कब्जा। शहर के बीचोबीच स्थित निगम की भूमि बेशकीमती बताई जाती है। होटल ओबरॉय आनंद ने सीलिंग कार्रवाई से बचने के लिए पांच लाख का चेक टीम को सौंप दिया। जबकि रोडवेज के बराबर में शराब का ठेका से आठ लाख का टैक्स वसूल किया है। कई कॉमर्शियल भवनों को सील किया गया है। नगरायुक्त अभिषेक आनंद, अपर नगरायुक्त अजीत कुमार सिंह के निर्देश पर टैक्स विभाग की चार टीमें प्रवर्तन दल के साथ शहर के अलग अलग जगहों पर कार्रवाई करने पहुंची। कर निर्धारण अधिकारी ललतेश कुमार सक्सेना ने रोडवेज के पास शराब के ठेके पर सीलिंग की कार्रवाई शुरू की तो वहां से आठ लाख का बकाया टैक्स जमा कराया गया। जबकि होटल ओबरॉय आनंद से टीम को पांच लाख का चेक मिला है। जबकि परसाखेड़ा में टंडन कंटेनर फैक्ट्री पर 5.74 लाख का टैक्स बकाया था। एक गोदाम जिस पर 7 लाख का बकाया था। मौके पर डेढ़ लाख जमा किए गए। इसकी तरह सैदपुर हॉकिंग में गत्ता फैक्ट्री पर 1.74 लाख का बकाया होने पर उसे भी सील कर दिया गया। उधर, दूसरी टीम में प्रवर्तन दल के प्रभारी भोला सिंह, दस्ता प्रभारी जयपाल सिंह पटेल और मानचित्रकार शमशुल हसन की टीम ने धर्मदत्त सिटी हॉस्पिटल वाली 22 दुकानों पर सीलिंग की कार्रवाई की है। सीलिंग की कार्रवाई से आयुर्वेदिक अस्पताल के स्टाफ ने तमाम नेता और अधिकारियों को सील की कार्रवाई रूकने के लिए फोन किए मगर कोई राहत उन्हें नहीं मिली। इसी तरह धर्मदत्त हॉस्पिटल के बाहर बनी दुकानों पर सीलिंग की कार्रवाई में तमाम जनप्रतिनिधियों की सिफारिश आई मगर टीम ने किसी की एक न सुनी। सभी दुकानदारों को नगर निगम में अपर नगरायुक्त से मिलने को कहा गया है। सीलिंग की कार्रवाई होने के बाद तमाम दुकानदार नगर निगम अधिकारियों से मिलने पहुंचे। नगर निगम जमीनों का बैंक बना रहा है जिससे वह आगामी योजनाओं के लिए अपनी जमीनों का इस्तेमाल कर सके। यही वजह है कि नगर निगम अब इन जमीनों को कब्जे में लेने के लिए कार्रवाई कर रहा है।।

बरेली से कपिल यादव

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