चुनाव मौका है, अपनी सरकार चुनने का। अगर हमारे लोकसभा/विधानसभा/स्थानीय निकाय या पंचायत के चुनाव में सभी प्रत्याशी अपराधी या अपराधी क्षवि के हैं तो हमारी-आपकी मजबूरी नहीं है कि उनमें से एक जो सबसे कम या छोटा अपराधी है उसे ही चुने।
चुनाव आयोग ने ना चुनने का भी अवसर/मौका/विकल्प दिया है । वह है ” नोटा ” । सबसे नीचे (अंत में) गुलाबी रंग का बटन है ” नोटा ” का। नोटा दबायें । नोटा मतलब मुझे कोई पसंद नहीं।
कुछ लोगों का मानना है कि नोटा का इस्तेमाल करना अपना वोट बरबाद/बेकार करना है। ऐसा भी नहीं। अगर ऐसा होता तो सरकार यह विकल्प देती ही क्यों?
यह विकल्प कोई आज से नहीं है । जब चुनाव मतपत्र के जरिए होते थे तब भी यह सुविधा थी लेकिन सरकार और चुनाव आयोग ने इसका प्रचार नहीं किया। किसी राजनीतिक दल ने भी नहीं किया फिर वे करते भी क्यों?
याद रखिये हर चुनाव में नोटा का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। जीते हुए प्रत्याशी से नोटा की संख्या ज्यादा होती है तो चुनाव रद कर दिया जाएगा । नोटा के कारण चुनाव रद होने से अपराधी प्रवृत्ति के प्रत्याशी को सबक मिलेगा।
जानते बूझते भी कि यह नेता चुनाव में जनता के हितों के लिए नहीं अपने हित के लिए मात्र लड़ रहा है ,फिर भी हम ऐसे नेताओं को , बुरे में कम बुरे को क्यों वोट दें। इन बुरे स्वार्थी नेताओं के ,बुराई के खिलाफ हम खड़े हैं, सीना तान कर यह दिखा दें। आपके पास अंतिम विकल्प और मौका भी है।वोट जरूर दें NOTA पर बटन दबाएं।