*कोरोना आपदा से निपटने के लिए आराजी लाइन के वंचित समुदाय को खाद्य सामग्री देने के लिए कई संस्थाएं सहयोग के लिए आगे आ रही है,
*इस युवा ने तिनका-तिनका कर लोगों को जोड़ा, अब चल पड़ा कारवां…
वाराणसी/आराजी लाइन- कोरोना वायरस से बने मौजूदा हालातों में लॉकडाउन की स्थिति के कारण आराजी लाइन क्षेत्र के कई गरीब, बेसहारा लोगों के साथ-साथ अन्य वंचित समुदाय से राजातालाब में रोजी-मजदूरी करने वाले लोगों के सामने भी भोजन की समस्या आ रही है। लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। ऐसे लोगों की जानकारी होने पर आराजीलाइन विकास खंड के सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट आगे आए। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जिले के आला अधिकारियों सहित सामाजिक संगठनों को इन बेसहारों की हकीकत साझा की। लेकिन माकूल जवाब न मिलने की सूरत में उन्होंने पहले खुद पहल की। ये एकाकी पहल रंग लाई और धीरे-धीरे कई सामाजिक संस्थाएं भी आगे आने लगीं। इस कड़ी में सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता व उनकी पत्नी वंचित समुदाय के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने वाली शिक्षिका पूजा गुप्ता, मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौड़, लोक समिति के नंदलाल मास्टर, रेड ब्रिगेड ट्रष्ट के अजय पटेल, गंगा सेवा सदन के राकेश मौर्या, अधिवक्ता हरी ओम दुबे ने संयुक्त रूप से कचनार, रानी बाजार, बसंतपुर, बीरभानपुर, गणेशपुर, मेहंदीगंज व सेवापुरी ब्लाक के चित्रसेनपुर, मनकईया आदि गांव के सैकड़ों वंचित दलित, बेनवंशी, मुसहर आदि परिवारों को उक्त सूखे भोजन के पैकेट वितरित किया है।
राजकुमार ने बताया कि सूखे भोजन के पैकेटों में आटा, चावल, दाल, सब्जी, सोयाबीन, चीनी के साथ हल्दी- मिर्ची- धनिया मसाले, सरसो तेल वाले छोटे पैकेट और साबुन उक्त वंचित समुदाय को वितरण करने के लिए जनमित्र न्यास, जन विकास समिति, आशा ट्रष्ट, मनरेगा मजदूर यूनियन, लोक समिति, रेड ब्रिगेड ट्रष्ट, गंगा सेवा सदन, अधिवक्ता समाज जरूरतमंद लोगों को यह पैकेट पहुंचाने में बड़ा योगदान दे रहे है।
आल इंडिया सेकुलर फोरम के संयोजक डॉ मोहम्मद आरिफ ने कार्यकर्ताओं से कहा कि किसी भी हालत में लोगों को एक जगह पर खाना पकाकर खिलाने से बचने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। इसका संपूर्ण खर्चा उक्त संस्थाओं द्वारा वहन किया जा रहा है। वंचितों की सहायता के बाबत राजकुमार का कहना है कि लोगों की मदद के लिए मानवाधिकार जननिगरानी समिति के अधिशासी निदेशक डॉ. लेनिन रघुवंशी सबसे पहले आगे आए। ऐसे सभी लोगों को सूखे भोजन के पैकेट वितरित करने के लिए मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, खाद्य विभाग के अधिकारियों को मेल करके उक्त वंचित समुदाय को भोजन की व्यवस्था की मांग की। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में लेनिन रघुवंशी ने खुद पहल की। इसके पश्चात जनमित्र न्यास, जन विकास समिति, आशा ट्रष्ट, मनरेगा मजदूर यूनियन, लोक समिति, रेड ब्रिगेड ट्रष्ट, गंगा सेवा सदन, अधिवक्ता समाज, आल इंडिया सेकुलर फोरम आदि संस्थाएं उपरोक्त वंचित समुदाय जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री भोजन का पैकेट देने में पहल किया है।
रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय के साथ (राजकुमार गुप्ता) वाराणसी