हाल बेसिक शिक्षा विभाग का!निजी हित साधने के लिए नियमों की उड़ा रहें है धज्जियां

*अग्निशमन यंत्र में गैस भरवाने के लिए हुई बसूली
बीईओ भावलखेड़ा तिलहर में तैनाती के दौरान स्कूल में मुर्गा कटाने को लेकर काफी चर्चित रहे थे।
फर्जी तरह से सीसीएल और मेडिकल अवकाश 72825 की भर्ती बालो को दिया जा रहा है ।

*एनपीआरसी 72825 बालो को बनाया जा रहा है एक एनपीआरसी को कई स्कूल का चार्ज दिया जा रहा है।

शाहजहांपुर- एबीएसए भावलखेड़ा ने अपना निजी हित साधने के उद्देश्य के लिए नियमों को धता बताते हुए न्याय पंचायत चौडेरा व जमुही के एनपीआरसी की नियुक्ति कर डाली। चौडेरा न्याय पंचायत के सचिन अवस्थी को एनपीआरसी बनाया गया है। जबकि सचिन अवस्थी जमुही न्याय पंचायत में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है। नियमों को दरकिनार करते हुए दूसरी न्याय पंचायत से लाकर उनको चौडेरा न्याय पंचायत का एनपीआरसी नियुक्त किया गया है। अहम बात यह है कि चौडेरा में बरिष्ठ अध्यापकों को दरकिनार करते हुए दूसरी न्याय पंचायत से जूनियर अध्यापक को एनपीआरसी बना दिया गया। इसी तरह जमुही न्याय पंचायत में भी सहायक अध्यापक बृजेश सिंह को जमुही न्याय पंचायत का एनपीआरसी नियुक्त किया गया। जबकि यह लोग 72 हजार बाली भर्ती में सहायक अध्यापक बने थे। सूत्रों की माने तो बीईओ भावलखेड़ा ने न्याय पंचायतों में अनैतिक कार्य कराने के लिए अपनी पसंद के एनपीआरसी की नियुक्ति की है। जब इस बारे बीईओ भावलखेड़ा राजेश कुमार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि जल्द ही एनपीआरसी सचिन को रिलीव कर दिया जाएगा। तथा सिलेंडरों में गैस भरने के नाम की बसूली उनके संज्ञान में नही है।

अग्निशमन यंत्र में गैस भराने को लेकर हुई बसूली!!
स्कूलों में आई मेंटिनेंस के नाम पर आने बाले रुपयों से अध्यापक से लेकर बीईओ तक हिस्सा बांट हो जाता है। प्रति स्कूल (ग्रामीण) में लगभग 10 हजार रुपया बार्षिक आता है। लेकिन उस रुपये से मेंटीनेंस नाम मात्र किया जाता है। बाकी रकम प्रधानाध्यापक से लेकर एनपीआरसी व बीईओ के मध्य बंदरबांट कर ली जाती है। अभी जल्द ही भावलखेड़ा ब्लॉक के समस्त स्कूलों में फर्रुखाबाद की अपर्णा ट्रेडर्स नाम की फर्म को अग्निशमन यंत्र में गैस भरवाने का ठेका दिया गया था। जिसके एवज में एनपीआरसी ने प्रति स्कूल 1200 रुपया बसूला है। कुछ अध्यापकों की माने कि सिलेंडरों में गैस यथावत भरी ही रहती है। सिलेंडरों में एनपीआरसी द्वारा लेबल बदल दिया जाता है। और एक दूसरे स्कूल में सिलेंडर बदल कर लगा दिए जाते है। जब कुछ प्रधानाध्यापकों ने इसका विरोध किया तो अंदर खाने एनपीआरसी लोगों ने कही 200 तो कही 300 रुपये वापस भी किये है। अगर प्रशासन द्वारा इसकी गहनता से जांच करा ली जाए तो शिक्षा विभाग में कई लोगों की गर्दन फंस सकती है।

फर्जी तरह से सीसीएल और मेडिकल पर अवकाश भी दिया जा रहा है सेवा पुस्तिका पर दर्ज नही होता है। बाबू प्रेमपाल भावलखेडा भी लिप्त है। भावलखेडा स्कूल की मैडम सीसीएल के बाद वापस आने पर अगले दिन मेडिकल फिर चली गई और मेडिकल से फिर 17 दिन के सीसीएल अवकाश पर चली गई। 72825 की भर्ती पर महेरबान है। भावलखेडा के अधिकारी तीन साल की सर्विस में एक साल से ज्यादा अवकाश दिया गया। भावलखेडा के स्कूलों के रजिस्टर पर अलग ब्यौरा दर्ज बीआरसी पर सेवा पुस्तिका में कोई अवकाश दर्ज नही होता है।

रिपोर्ट-देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा

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