राजस्थान-सादड़ी। महर्षि वाल्मीकि आदि कवि थे जिन्होंने रामायण की रचना कर हमें प्रभु श्रीराम के जीवन से परिचित कराया। महर्षि वाल्मीकि जी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। हमें भी महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उक्त उदगार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय आकाश गंगा कालोनी में सेवा भारती के तत्वावधान में आयोजित महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी का जीवन शिक्षा, संस्कार, सेवा व समरसता का पर्याय था। विशिष्ट अतिथि प्रधानाचार्य उम्मेद मल सुथार ने महर्षि वाल्मीकि जी के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। सेवा निवृत्त वन अधिकारी ताराचंद हिंगड़ ने महर्षि वाल्मीकि जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प दिलाया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ अध्यापक देवी लाल कंडारा ने की।
महर्षि वाल्मीकि जी की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिला मंत्री मोहनलाल सोलंकी, सहमंत्री दिनेश लुणिया के नेतृत्व में अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर सेवा भारती द्वारा अंबेडकर नगर, मेघवालों का बडा बास,मीणो का अरट,रेतरला बस्ती व रेबारियो की ढाणी मीणो का झूंपा सादड़ी में संचालित बाल संस्कार केन्द्रो के भैया बहनों ने प्रकल्प शिक्षको के निर्देशन में महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन पर प्रकाश डाला व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।इस अवसर पर राजेश कुमार व लालाराम कंडारा द्वारा पारितोषिक वितरण किया गया। देवीलाल कंडारा द्वारा मिष्ठान व भैराराम जमादार द्वारा बिस्किट वितरित किए गए।इस अवसर पर भरत कुमार, अमित कुमार, गिरीश कुमार द्वारा जल,माईक व माला व्यवस्था की गई।मंच संचालन सेवा निवृत्त व्याख्याता गुलाब राम बाफना द्वारा किया गया।इस अवसर पर ललित दवे, नारायण राईका समेत नगर के प्रबुद्ध जन व बस्ती के नागरिक उपस्थित थे।अंत में भारत माता की जय व महर्षि वाल्मीकि जी की जय के साथ महर्षि वाल्मीकि जी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
पत्रकार दिनेश लूणिया