आज़मगढ़ – विश्व एड्स दिवस पर शनिवार को जिला अस्पताल में एक गोष्ठी का आयोजन एआरटी सेंटर के नोडल प्रभारी डॉ राजनाथ की अध्यक्षता में हुआ। इस दौरान एचआईवी पीड़ितों की मदद को सरकार की तमाम योजनाओं का बखान किया गया। वहीं दूसरी तरफ सरकार की तमाम कवायद और जागरूकता के बाद भी आजमगढ़ में एचआईवी पॉजिटिव लोगों की समस्या कम नहीं हो रही है। जिला अस्पताल में एआरटी सेंटर पर मरीजों को दवा व यात्रा भत्ता दिए जाने का दावा किया जाता है। एड्स की पर्याप्त किट भी जिला अस्पताल में उपलब्ध है। हालांकि हकीकत में यहाँ आने वाले मरीजों का कहना है कि उन्हें यात्रा भत्ता इधर नहीं मिला है पहले मिल रहा था। वहीं एआरटी सेंटर के डॉक्टर का तबादला कई माह पूर्व होने के चलते जनरल फिजिशियन के जिम्मे नोडल प्रभार थमा दिया गया है। जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर की स्थापना 21 सितम्बर 2011 में की गयी थी। इस दौरान मरीजों की संख्या 627 थी। 7 सालों में यह संख्या 5855 तक पहुँच गयी है। हालांकि अभी तक यहाँ भर्ती की सुविधा नहीं हो सकी है। मरीजों को जनरल वार्ड में ही भर्ती कर दिया जाता है। लेकिन कई बार पहचान उजागर होने पर आसपास के मरीज़ व परिजनों का व्यवहार भी बदल जाता है। ऑपरेशन के लिए मरीज़ को बीएचयू रेफर कर दिया जाता है। हालांकि इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आजमगढ़ मण्डल के तीनों जनपद आजमगढ़, मऊ व बलिया के अलावा अंबेडकरनगर के मरीज़ यहाँ उपचार कराते हैं। कई बार अपने जनपदों में पहचान उजागर होने के डर से गोरखपुर व अन्य क्षेत्रों के मरीज़ भी आ जाते हैं और डाटा एंट्री मैंनेजर अमित यादव मौजूद रहे।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़