राजस्व कर्मियों का कारनामा, बफरी में जिंदा को मुर्दा दर्शाकर दर्ज की फर्जी विरासत

मीरगंज, बरेली। मीरगंज तहसील मे जिंदा लोगों को मृत दिखाकर भूमि हड़पने का बड़ा मामला सामने आया है। राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से दो सगे भाइयों की जमीन फर्जी विरासत के आधार पर, दूसरे को वारिस बना दिया गया। मीरगंज तहसील के राजस्व कर्मियों ने गांव बफरी अब्दुल नबीपुर के दो ग्रामीणों को मृत दर्शाकर उनकी जमीन उनके भाई की पत्नी सोमवती और उनके बच्चों के नाम बतौर वारिसान दर्ज कर दी। पीड़ितों ने बैंंक से लोन लेने के लिए नकले निकलवाई तो जानकारी होने पर उनके पैरो तले से जमीन खिसक गई। मामला तहसील मीरगंज के गांव बफरी के पीड़ित लालाराम एवं बृन्दावन ने बताया बह परिवार सहित हल्द्वानी मेंं रहकर काफी समय से मजदूरी करते हैं। गांव में कभी-कभी आकर अपनी खेती की देखभाल करते थे। उन्होंने बताया कि वे चार भाई गेंदनलाल, हरद्वारी लाल, लालाराम, बृन्दावन थे। सभी का जमीन में शामिल खाता था। वर्ष 2015 में भाई गेंंदनलाल की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। गांव बफरी अब्दुल नबीपुर मे मृतक भाई गेदनलाल की पत्नी और भाई हरद्वारी लाल, बृन्दावन रहते थे। चारो भाइयों के पास कुल 1.532हे. कृषि भूमि है। जिसमें सभी भाई बराबर के हिस्सेदार है। आरोप है कि मृतक भाई गेंदनलाल की पत्नी सोमवती ने हल्का लेखपाल और तहसील प्रशासन से सांठगांठ करके हम दोनो भाइयों लालाराम और बृन्दावन को मृतक दिखाकर सारी जमीन अपने और पुत्र अभिषेक, पुत्रियों पूजा, मुस्कान के नाम वारिसान के तौर पर 2 जुलाई 2019 को दर्ज करा ली। दोनों पीड़ित जनवरी 2021 में बैंक से लोन लेने के लिए खतौनी की निकलवाने गए तो पता चला कि उन्हें मृत दिखाकर उनकी जमीन से नाम काटकर सोमवती और उनके पुत्र-पुत्रियों के नाम बतौर वारिसान दर्ज कर दिए गए है। तहसील में कई बार प्रार्थनापत्र दिये मगर कोई सुनवाई नहींं हुई तो मंगलवार को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।।

बरेली से कपिल यादव

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