मीरगंज, बरेली। जिले की बिथरी चैनपुर सीएचसी के बाद अब मीरगंज सीएचसी मे भी प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना मे किए गए घोटाले का जिन्न बाहर आ गया है। प्राथमिक जांच के आधार पर अब मीरगंज में भी सवा करोड़ रुपये के घोटाले की परतें उधड़ने लगी हैं। बिथरी सीएचसी की तर्ज पर मीरगंज के शिवपुरी गांव में 18 साल की युवती को तीन साल की बच्ची दिखाया गया है। आपको बता दें कि मीरगंज सीएचसी के गांव शिवपुरी की मां अफसाना पत्नी शाकिर शाह को योजना का लाभार्थी बनाया गया है। अफसाना के सात बच्चे हैं और वह योजना की लाभार्थी नहीं बन सकती थी। कई मामलों में बालिग बेटी को पहली बच्ची दिखाकर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभार्थी बनाया गया। वही मीरगंज के ही मोहल्ला सराय खाम की शमा परवीन को लाभार्थी बना दिया गया है जबकि उसकी बड़ी बेटी की उम्र 18 साल से अधिक है। नियमानुसार शमा को योजना के अंतर्गत लाभ नहीं मिल सकता है लेकिन आर्थिक लाभ के चलते अधिकारियों ने शमा को भी लाभार्थी बनाकर योजना की रकम हड़प कर ली। हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। साल 2017 से 2020 तक के बीच में कई सीएचसी पर योजना से जुड़े लोगों ने गिरोह बनाकर सरकारी धन का गबन किया। इस मामले में बिथरी की जांच पूरी हो गई है। यहां के सीएचसी प्रभारी डॉ. मयंक मिश्रा और डाटा इंट्री आपरेटर शिवओम को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। सूत्रों की मानें तो मामले को दबाने के लिए घोटाले में संलिप्त अधिकारी और कर्मचारियों ने आपस में ही चंदा करना शुरू कर दिया है। वही शासन को योजना से जुड़ा जो डेटा भेजा गया है उसमें भी सुधार किया जा रहा है। जांच अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि हाल में कई तबादलों व अन्य व्यस्तताओं की वजह से मीरगंज जांच पूरी करने नहीं जा पाया। कोशिश है की शुक्रवार को सीएचसी जाकर संबंधित लोगों का बयान लेंगे। मामले की विस्तृत जांच की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव