बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान केंद्र आईवीआरआई मे दूसरे दिन भी संविदा कर्मी अपने मानदेय को लेकर हड़ताल पर रहे। अचानक से हड़ताल पर चले जाने से पशुओं को चारा डालने और लैब का कामकाज भी ठप हो गया है। संविदा कर्मी ही डॉक्टरों के साथ जानवरों के इलाज में मदद करके कार्य में हाथ बटाते हैं लेकिन मानदेय न मिलने पर दूसरे दिन भी कामकाज ठप रहा। हड़ताल में 260 कर्मचारी शामिल हैं जिनको मार्च से अभी तक मानदेय नहीं मिला है। कर्मचारियों का कहना है कि मार्च से लेकर अब तक का मानदेय नहीं मिला है। कर्मचारियों ने बताया कि कैंपस में पिछले 11 वर्ष से संविदा पर काम कर रहे है। हर साल आईवीआरआई में प्राइवेट ठेकेदार की ओर से इन्हीं कर्मचारियों को रख लिया जाता है और प्रत्येक माह समय पर बैंक खाते में मानदेय पहुंचा दिया जाता है लेकिन इस साल मार्च से अब तक मानदेय नहीं मिला। कर्मचारियों का कहना है कि मानदेय न मिलने से परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। मानदेय न मिलने से नाराज कर्मचारी आईवीआरआई के प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन मामला प्राइवेट कंपनी का होने के कारण मदद नहीं मिल सकी है। हड़ताल के दौरान अर्जुन कुमार, राजेश कुमार, वीर बहादुर समेत अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव