प्राणी मोहमाया के जाल में फँसकर ईश्वर को भूल जाता है:पंकज शास्त्री

कुशीनगर-विकास खण्ड तमकुही के ग्राम पंचायत सेमराहर्दो पट्टी में चल रहे श्रीमदभागवत नवाह परायण ज्ञान यज्ञ में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन रविवार को कथावाचक पंडित पंकज शास्त्री भगवान विष्णु के राम अवतार व कृष्ण अवतार की लीला के बारे में वित्तार पूर्वक श्रद्धालुओं को बताया।
उन्होंने कहा कि कंस इतना अत्याचारी था कि उसने अपने पिता अग्रसेन को भी कारागार में डाल दिया।पराशर शास्त्री ने गजग्रह के मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि मुसीबत में केवल भगवान ही साथ देते हैं। जबकि प्राणी मोहमाया और परिवार के माया जाल में फसकर प्रभु को भूल जाता है।
ऎसा ही गजेन्द्र ने किया। भगवान श्री कृष्ण और बलराम जन्म की कथा भक्तों को श्रवण कराते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो अपने आप जेल के ताले खुल गए। और वासुदेव की बेडिया खुल गई। वासुदेव भगवान श्रीकृष्ण जो कि इस संसार के पालन हार है एक टोकरी में लेकर अथाय यमुना नदी को पार कर यशोदा मां और नंदलाल के पास छोड़ जाते हैं। जिसकी कानो-कान खबर कंस को नहीं लग पाती।शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण के गोकुल में आनंद भयों जय कन्हैयालाल की हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की सहित अनेक भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को आनंदित कर दिया। कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं ने माखन मिश्री का भोग लगाकर जमकर उत्सव मनाया।
पंकज शास्त्री ने राजा बलि की कथा सुनाते कहा कि पूर्व जन्म में राजा बलि एक महा पापी और जुआरी थे। अंत में वामन अवतार भगवान को तीन पग भूमि दान देते हैं, जब भगवान दो पग में सारी पृथ्वी को नाप लेते हैं, तब राजा बली तीसरा पग रखने के लिए अपना सिर झुका देते हैं।इस मौके पर बाबा बालकदास उर्फ श्याम दास,हेमंत सिंह,वीरेन्द्र सिंह,पंचा शर्मा,मुन्ने सिंह,पंकज यादव,सुरेन्द्र सिंह,टोनी सिंह,गुड्डू सिंह,आशुतोष तिवारी मौजूद रहे।
– कुशीनगर से जटाशंकर प्रजापति की रिपोर्ट

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