वाराणसी/जंसा-वाराणसी-जंघई रेल खंड के अतिव्यस्त चौखंडी रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का टोटा है।न तो यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था है और न ही साफ सफाई की मुकम्मल व्यवस्था।बिजली नहीं रहने पर रेलवे स्टेशन परिसर अंधेरे में समाया रहता है। रात के समय स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है।स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर बना बाथरूम में गंदगी के कारण कोई यात्री जाना पसंद नहीं करते हैं,स्टेशन पर यात्रियों के लिए एक भी शौचालय नही है न ही कोई पेयजल ब्यवस्था ऐसे में ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों खासकर महिलाओं को खुले में शौच जाने की विवशता होती है।
बंद रहता है जेनेरेटर:-
इंधन की आपूर्ति विभाग से नहीं होती है।जो राशि मिलती है उससे पैनल रूम का जेनेरेटर चलाने में ही परेशानी की बात अधिकारी बताते हैं।फलत: बिजली के भरोसे स्टेशन पर रोशनी की व्यवस्था रहती है।कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। कुहासे भरी रात में अगर कोई ट्रेन स्टेशन पर रूकती है।तो यात्री को मोबाइल की रोशनी में रास्ता ढ़ूढ़ंना पड़ता है।जबकि घने कुहासे के कारण रेलवे स्टेशन पर दिन में भी रात की तरह अंधेरा छाया रहता है।
क्या है बैठने कि व्यवस्था:-
-ट्रेन का इंतजार करते यात्रियों को बैठने के लिए प्लेटफार्म पर पर्याप्त कुर्सी नहीं है। हालांकि दोनों प्लेटफार्म पर शेड बना हुआ है।जिसमें बनी कुर्सी भीड़ के समय कम पड़ती है। गर्मी के इस मौसम में यात्री खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करते देखे जाते हैं।
बदतर है सफाई व्यवस्था:-
प्रधानमंत्री ने देश भर में स्वच्छता का जो आवाज बुलंद किया उसका तनिक भी असर चौखंडी रेलवे स्टेशन पर नहीं दिखता है।स्टेशन परिसर पर यत्र तत्र फैली गंदगी,पैनल रूम के आगे पसरा कचरा एवं प्लेटफार्म पर बना बाथरूम को देखने से सफाई व्यवस्था की कलई खुल जाती है।हां जब भी रेल के वरिष्ट अधिकारियों के स्टेशन पर आने की सूचना होती है तब स्टेशन की सफाई व्यवस्था चकाचक कर दी जाती है। बाथरूम की सफाई तथा कीट नाशक दवा का छिड़काव करवाया जाता है। कुल मिलाकर चौखंडी रेलवे स्टेशन से राजस्व प्राप्ति की अपेक्षा यात्री सुविधा काफी कमजोर है। प्लेटफार्म पर न तो पर्याप्त कुर्सियां उपलब्ध है और ना हीं बैठने के लिए अपेक्षित शेड है। बाथरूम ऐसा है जिसमें जाने पर उल्टी होना तय है।
कहते हैं स्टेशन अधीक्षक:-
-स्टेशन अधीक्षक कहते हैं कि विभाग से अधिकारियो से बार बार यात्री सुविधाओ के मद्देनजर पेयजल ब्यवस्था कराने के लिए बोला जा चुका है परन्तु किसी भी प्रकार सुनी नही जाती जो उंट के मुंह में जीरा साबित होता है।जबकि स्टेशन पर पूर्व से बना बाथरूम व यात्री प्रतीक्षालय पुराना एवं जर्जर हो चुका है।पीएम के संसदीय क्षेत्र में ऐसी स्टेशन जो अपने विभाग के साथ साथ स्वच्छता अभियान की पोल खोलते नजर आ रही है।
रिपोर्ट-एस के श्रीवास्तव विकास जंसा