प्रदेश में कोई भी बच्चा एवं महिला अपने आपको निराश्रित और अनाथ महसूस न करे – मुख्यमंत्री

*देश में ऐसी योजना बनाने वाला पहला प्रदेश उत्तर प्रदेश – राज्यपाल

*जनपद के 119 बच्चें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से लाभान्वित

सहारनपुर- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित ऐसे बच्चे जिनके माता पिता में से कोई एक या फिर दोनों माता-पिता कि मृत्यु हो गई है, सरकार एक अभिभावक के रूप में उनके साथ खड़ी है। उन्होने कहा कि सरकार ऐसे बच्चों की शिक्षा के साथ ही बालिकाओं के संरक्षण और शादी के लिये भी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी में निराश्रित हुई महिलाओं को भी नई स्कीम के साथ जोडकर शासन की योजनाओं से आच्छादित किया जायेगा। जनपद के 119 बच्चों को आज 4000 हजार रूपये प्रतिमाह के दर से धनराशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गयी। जनमंच सभागार में 10 बच्चों को जिलाधिकारी तथा जनप्रतिनिधिगण के माध्यम से प्रतीकात्मक रूप से स्वीकृति प्रमाण पत्र दिया गया।
श्री योगी आदित्यनाथ जी आज लखनऊ से कोरोना महामारी से पीडित बच्चों के लिये “मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” के शुभारम्भ के दौरान यह बात कही। जनपद में जनमंच में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से अनाथ हुए 4050 बच्चों के खातों में 4000 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से तीन माह की धनराशि हस्तांतरित की गयी। उन्होने कहा कि प्रदेश में 240 बच्चें ऐसे है जिन्होनंे कोरोना के कारण माता-पिता को खोया है तथा 3810 बच्चें ऐसे है जिन्होने माता अथवा पिता अथवा अभिभावक को खोया है। उन्होने कहा कि 18 वर्ष की आयु तक राज्य सरकार बच्चों के लालन पालन की व्यवस्था करेगी। जिन बच्चों के माता-पिता अथवा अभिभावक नहीं है उनको बाल संरक्षण गृह में रखा जायेगा। उन्होने कहा कि प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर निर्माणाधीन अटल आवासीय विद्यालयों में प्रदेश के उन बच्चों को लाभ प्राप्त होगा जो किसी ना किसी कारण से निराश्रित हुए है। इन विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा के साथ ही उनके स्किल डवलेपमेंट का कार्य भी किया जायेगा। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में बालिकाओं की शिक्षा के साथ उनके रहने, हर प्रकार के संरक्षण तथा उन्हे आगे बढाने में सरकार हर प्रकार का योगदान दे रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 4000 रूपये प्रतिमाह से अतिरिक्त टैबलेट, लैपटाॅप तथा शादी योग्य बालिकाओं के लिए 01 लाख 01 हजार रूपये की धनराशि उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा दी जायेगी। उन्होने कहा कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के कारण हुई मोतों से अनाथ हुए बच्चों की सूची भी तैयार कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी जिससे कोई भी निराश्रित बच्चा अपने आप को अनाथ महसूस न करे। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी में भी प्रदेश सरकार विभिन्न प्रकार की पेंशन, श्रमिकों के लिए भरण पोषण भत्ता, निःशुल्क राशन वितरण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं से लाभार्थियों को लाभान्वित करने के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी प्रभावी प्रयास करती रही। इसी का परिणाम है कि आज प्रदेश मंे 04 लाख से अधिक कोरोना टैस्ट प्रतिदिन हो रहे है तथा कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी ने कहा कि देश में ऐसी योजना बनाने वाला पहला प्रदेश उत्तर प्रदेश है। उन्होने कहा कि पीडित बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनके मार्गदर्शन करने की व्यवस्था भी की जाए जिससे वह सही मार्ग पर चल सकें। उन्होने कहा कि जो बालिकाएं इंजीनियर, डाॅक्टर, आई0ए0एस0, आई0पी0एस0 आदि बनना चाहती है तो वह बिना डरे राज्य सरकार को लिखें की हम यह करना चाहते है इसके लिए मार्गदर्शन करें। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय और काॅलेज भी अपने यहां पढ रहे ऐसे बच्चों को गोद लेने का कार्य करें जिन्होने अपने अभिभावकों को खोया है। उन्होने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में तथा ऐसी योजनाओं से आम जन को भी जोडा जाएं।
इस अवसर पर विधायक श्री देवेन्द्र निम, श्री कुवंर बृजेश सिंह, महापौर श्री संजीव वालिया, जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ0 एस0चन्नप्पा, जिलाध्यक्ष भाजपा श्री महेन्द्र सैनी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मांगेराम चौधरी, पूर्व विधायक श्री महावीर राणा, पूर्व विधायक श्री राजीव गुम्बर, सहित जनप्रतिनिधिगण तथा सभी प्रशासानिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।

– सहारनपुर से मन्थन चौधरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।