बरेली। पत्रकारों की कलम पर हमेशा पुलिस ने बेड़ियां डालने का काम किया है यह बात दीगर है उसे हर बार मुंह की खानी पड़ी है।
जिले मे पत्रकारों के उत्पीड़न के विरोध में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन अब पूरी तरह से मैदान में उतर चुकी है। सोमवार को यूनियन के संगठन मंत्री देवेंद्र पटेल ने बयान जारी कर कहा कि अब पुलिस पत्रकारों को गाजर-मूली न समझे जो सलाद की तरह काटकर खा जायेगी। पत्रकार सदैव लोकतंत्र का प्रहरी रहा है और आगे रहेगा। असल लुटेरी तो खाकी है जो लोकतंत्र की रक्षा की शपथ लेकर सुबह से शाम तक मां भारती को बेचती है। आजकल बरेली मे पत्रकारों पर जिस तरह से बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है वह सोचनीय है। थाना कैंट में दलित पत्रकार को पुलिस ने इसलिए टारगेट किया की वह ऊचे जाति के लोगों के विरूद्ध खबर क्यो लिखता है। देखते-देखते उसे फर्जी तरह से कागजों में गुंडा बना दिया। इसी तरह बिथरी थाने में पत्रकार को फंसाते हुए घटना होने से पहले ही मेडिकल कराकर मुकदमा लिख दिया। फर्जी तरीके से कार्यवाही कर पत्रकार का बेवजह उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी तरह पिछले दिनो थाना सुभाषनगर मे पत्रकार के पुत्र के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा लिखकर इतिश्री कर लिया। बल्कि पत्रकार के खिलाफ भी फर्जी मुकदमा लिख दिया गया। इसी तरह थाना शेरगढ़ मे तो विवेचक ने जांच ही अभियुक्त के हाथो मे दे दी। यूनियन पंचायत चुनाव के तुरंत बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर धरना देने की घोषणा कर चुकी है। साथ ही अगर आरोपी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई नहीं होती है तो प्रदेश नेतृत्व भी दो-दो हाथ करने को पुलिस प्रशासन से तैयार हो गया है। देवेंद्र पटेल के बयान को सही बताते हुए उपाध्यक्ष सुरेश, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र चौधरी, मीडिया प्रभारी फैजान शमशी एवं मोबिन कैफ ने भी सही ठहराते हुए कंधा से कंधा मिलाकर साथ देने की बात कही है।।
बरेली से कपिल यादव