नौरादेही में बाघ बाघिन के साथ रहने से संख्या बढ़ने की उम्मीद

तेन्दूखेड़ा – मध्यप्रदेश के लिये यह ऐतिहासिक क्षण है जब नौरादेही अभ्यारण्य में बाघ बाघिन साहचर्य में है इससे प्रदेश में बाघों की संख्या में वद्धि होगी नौरादेही अभ्यारण्य में विगत माहों में बाघ पुन स्थापना की गई थी यहाँ के बाडे़ में बाघिन को कान्हा टाइगर रिजर्व और बाघ को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाकर छोड़ा गया था। अब वन विभाग द्वारा जारी किये गये वीडियो से उम्मीद की जा रही है कि निश्र्चित ही मध्यप्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ेगा प्रदेश में निरंतर किये जा रहे प्रयासों से बाघों की संख्या बढ़ रही है किशोर होते बाघों को वर्चस्व की लडाई और मानव द्वदं का बचाने के लिये वन विभाग ने अभिनय योजना अपनायी है वन विभाग अनुकूल वातावरण का निर्माण कर बाघों को ऐसे अभ्यारण्यों में शिफ्ट कर रहा है जहां वर्तमान में बाघ नहीं है पन्ना में बाघ पुन स्थापना से विश्व में मिशाल कायम करने के बाद वन विभाग ने सीधी के संजय टाइगर रिजर्व में भी 6 बाघों का सफल स्थानांतरण किया है बाघ शून्य हो चुके पन्ना में अब लगभग 30-35 बाघ है नौरादेही अभ्यारण्य में बाघ पुनस्थापना का कार्य प्रगति पर है मध्यप्रदेश केवल प्रदेश में ही नहीं देश में भी बाघों का कुनबा बढ़ा रहा है जबलपुर से 140 किलोमीटर दूर दमोह सागर और नरसिंहपुर जिले में 1197 वर्ग किलोमीटर में फैले नौरादेही अभ्यारण्य में बहुत पहले कभी बाघ रहे होंगे यह जंगल देश की दो बड़ी नदियों गंगा और नर्मदा का कछार क्षेत्र होने के कारण यहाँ पानी की कमी नहीं है वन विभाग ने पन्ना की तर्ज पर देश के सबसे बड़े इस अभ्यारण्य में बाघों को आबाद करना शुरू किया है इसी साल 18अप्रैल को यहां कान्हा से ढाई साल की एक बाघिन और 29 अप्रैल को बांधवगढ़ से लगभग पांच साल के एक बाघ का स्थानांतरण किया गया है।
– विशाल रजक, तेन्दूखेड़ा दमोह , मध्यप्रदेश

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