नहीं हो पा रहा सीवरेज समस्याओं का समाधान

गाजीपुर। शहर में अभी तक सीवरेज व्यवस्था की शुरुआत नहीं हो पाई है। इस व्यवस्था से फिलहाल नगरवासी अनभिज्ञ हैं। चूंकि इसमे लागत काफी आती है इसलिए पालिकाएं हाथ नहीं डाल पाती है। लेकिन अब गाज़ीपुर में जल्द ही गंगा को स्वच्छ रखने के लिए नगर की वर्षों पुरानी मांग सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को शासन द्वारा स्वीकृति मिल गई है। आगामी 5 अप्रैल को ऑनलाइन टेंडर आवेदन होगा अपलोड।

ढाई सौ करोड़ की लागत से बनने वाले इस ट्रीटमेंट प्लांट की टेंडर प्रक्रिया जल्द ही होने वाली है। इसके बन जाने के बाद इसमें नालों का पानी और कचरा पृथक हो जाएगा और गंदे नालों का पानी गंगा में नहीं गिरेगा। इससे गंगा को स्वच्छ रखने में बड़ी सफलता मिलेगी। ट्रीटमेंट प्लांट मोहनपुरवा में बनाया जाएगा जबकि गंगा किनारे तीन पंप स्टेशन बनाए जाएंगे।

दो फेज़ में होगा कार्य…

नगर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य अमृत और नमामि गंगे दोनों योजनाओं के तहत होना है। अमृत योजना के तहत सीवर लाइन और इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन का कार्य दो फेज में होगा। इसके लिए फेज वन में दो पम्पिंग स्टेशन और फेज-2 में सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी। वहीं फेज -1 के लिए 45.38 एवं फेज -12 के लिए 112 करोड़ का बजट स्वीकृत हो गया है। उधर नमामि गंगे योजना के तीन ट्रीटमेंट प्लांट मुख्य पंपिग स्टेशन के लिए 93.3 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। स्थान हो चुके हैं चिह्नित नगर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की पूरी कार्य योजना तैयार हो चुकी है। एक-एक इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन ददरीघाट एवं स्टीमर घाट पर बनाए जाएंगे। इसके अलावा मुख्य पम्पिंग स्टेशन और ट्रीटमेट प्लांट आरटीआइ ग्राउंड के पीछे मोहनपुरवा में बनाया जाएगा।

इंटरमीडिएट पम्पिंग स्टेशन नगर के गंदे पानी को रिवर्स कर ट्रीटमेंट प्लांट में भेजेगा जहां से गंदा पानी ट्रीट होकर मुख्य पम्पिंग स्टेशन के चलते खेती संबंधी व अन्य कार्यों के लिए आपूर्ति कर दी जाएगी।

जारी हो चुकी है सीवेज की पहली किस्त।

जलनिगम के अवर अभियंता आशीष कुमार ने मीडिया सूत्रों को बताया कि इसकी पहली किस्त छह करोड़ रुपये जारी की जा चुकी है। इसका टेंडर पिछले माह किया गया था लेकिन टेक्निकल फाल्ट के चलते इसे कैंसिल कर दिया गया है अगली टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पांच अप्रैल को टेंडर आवेदन आनलाइन अपलोड कर दिया जाएगा।

शासन से मिल चुकी है स्वीकृति।

नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष व चेयरमैन प्रतिनिधि विनोद अग्रवाल ने कहा कि नगर की वर्षों पुरानी मांग सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को शासन द्वारा स्वीकृति मिल गई है। इसके बन जाने के बाद इसमें नालों का पानी और कचरा पृथक हो जाएगा और गंदे नालों का पानी गंगा में नहीं जाएगा, जिससे गंगा को स्वच्छ रखने में सहयोग होगा और जल निकासी वाटर लॉगिंग इत्यादि की समस्या से निजात मिलेगी। उन्होंने बताया कि गाज़ीपुर नगर के सभी नालों की लिस्ट जलनिगम को दे दी गई है जल्द ही टेंडर करके कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

रिपोर्ट-:प्रदीप दुबे

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