दीपावली पूजन को बाजार में सज गए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। कोरोना काल में मनाए जाने वाले दीपावली पर्व के लिए बाजार में हर रंग रूप की लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां उपलब्ध हैं। इस बार लक्ष्मी गणेश की प्रतिमाएं 30 रुपये से लेकर 28 सौ रूपये तक उपलब्ध है। भारतीय संस्कृति में मिट्टी को शुद्ध माना गया है। इसीलिए कोई भी पर्व हो या मांगलिक कार्य सभी में सबसे पहले मिट्टी के गणेशजी का पूजन होता है। दीपावली का त्योहार नजदीक है, इस दिन लक्ष्मी-गणेश का पूजन किया जाता है। इसके लिए कई दिनों पहले से कुंभकार तैयारियां शुरू कर देते हैं। पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां मिट्टी के साथ-साथ पीओपी की भी बनाई जाती हैं। पानी में घुलने और शुद्धता के चलते अधिकांश लोग मिट्टी के ही लक्ष्मी-गणेश खरीदते हैं। कुंभकारों ने भी मूर्तियां बनाकर तैयार कर ली हैं और अब उनकी साज-सज्जा को अंतिम रूप देकर उनका सौंदर्य निखार दिया है। कुंभकारों ने भी विभिन्न आकार व मूर्तियां बनाकर तैयार कर ली है। इन दिनों उनके साथ सज्जा का अंतिम रूप दे दिया है। नई बस्ती स्थित मजदूरों के अड्डे पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले पप्पू प्रजापति ने बताया कि दीपावली पूजन के लिए मूर्तियां बनाकर तैयार की जा चुकी है। कुछ ही मूर्तियों में रंग भरना ही बाकी रह गया है। हालांकि बाजार में मिट्टी के अलावा पीओपी की मूर्तियों की भी अच्छी मांग है लेकिन फिर भी पूजन में शुद्धता के लिए अधिकांश लोग मिट्टी की ही मूर्तियां मांगते हैं। सुंदरता के लिहाज से पीओपी की बनी मूर्तियों की साज सज्जा ग्राहकों को अपनी ओर अधिक आकर्षित करती है। मिट्टी की सभी मूर्तियां स्थानीय स्तर पर ही बनाई जाती हैं लेकिन पीओपी की मूर्तियां कोलकाता व अन्य राज्यों से भी मंगवाई जाती है। हमेशा की तरह इस बार भी दीपावली पूजन के लिए मूर्तियों का बाजार सजने लगा है। बड़ा बाजार में दीपावली के पूजन के लिए लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों का कारोबार करने वाले शोभित का कहना है कि अपने शहर से उत्तरांचल के अल्मोड़ा, रानीखेत, नैनीताल, रुद्रपुर सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में मूर्तियों का कारोबार होता है। इन दिनो उनकी मांग के अनुरूप साज-सज्जा व मूर्तियों की मांग अधिक रहती है। जिसको लेकर कुम्हारों से रंगी रंगाई मूर्तियां लेकर उनकी साज-सज्जा स्वयं करते हैं। इनकी मांग अधिक होने से एक दर्जन से अधिक कारीगर रखे है। उनका मानना है कि इस बार मूर्तियों की बिक्री पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक होगी।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।