बरेली। मरीजों की हेल्प के लिए जिला अस्पताल में बनी हेल्पडेस्क स्टाफ की लापरवाही से मदद से महरूम है। जिला अस्पताल में बनी हेल्पडेस्क पर ओपीडी के समय तक एक स्टाफ रहने के निर्देश हैं लेकिन अधिकारियों के आदेश कर्मचारियों के लिए कोई मायने नहीं रखते। कर्मचारी अपनी मर्जी से हेल्प डेस्क गायब रहते है। हेल्पडेस्क इसलिए जिला अस्पताल में बनाई गई है कि मरीजों को उसकी सुविधा जैसे डॉक्टर, जांच आदि की जानकारी मिल सके। इसके अलावा हेल्पडेस्क से ही दवा लेने आए दिव्यांग मरीजों को व्हील चेयर की भी सुविधा दी जाती है। लेकिन जिला अस्पताल में सुबह से लेकर हेल्पडेस्क पर ताला पड़ा होने की वजह से न ही दिव्यांगों को व्हील चेयर मिल पा रही है और न ही लोगों को जिला अस्पताल से जुड़ी जानकारी मिल पा रही है। जिला अस्पताल में शनिवार कि सुबह से ही हेल्प डेस्क पर ताला लटका मिला वही दिव्यांग महिला बुजुर्ग को व्हीलचेयर न मिलने से लाइन में जमीन पर घिसटने को मजबूर थी। इस बारे में जब सीएमएस डॉ. हर्षवर्धन से बात हुई तो उन्होंने बताया कि संबंधित कर्मचारी को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। इसके अलावा जिला अस्पताल में बिना मास्क प्रवेश वर्जित है लेकिन फिर भी लोग लापरवाही से बाज नहीं आ रहे है। जिला अस्पताल में आने वाले मरीज मास्क नहीं पहन रखे हैं तो ओपीडी में उन्हें नहीं देखा जा रहा है। इसके बावजूद भी कई लोग जिला अस्पताल परिसर में बिना मास्क लगाए ही पहुंच रहे है। ओपीडी से वापस लौटाने पर मास्क खरीदना मरीजों के लिए आवश्यक हो जाता है। इसी का फायदा उठाते हुए कुछ बेरोजगार साधारण मास्क को पांच रुपये में बेच रहे हैं।।
बरेली से कपिल यादव