जिला अस्पताल के थैलेसीमिया की दवाएं खत्म, भटक रहे मरीज

बरेली। थैलेसीमिया मरीजों को दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में थैलेसीमिया मरीजों को दिए जाने वाले डेजरॉल इंजेक्शन और टेबलेट खत्म हो गई हैं। नई खेप नहीं आने से महीने भर से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। बरेली सहित शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं के थैलेसीमिया मरीजों को इलाज के लिए बरेली के जिला अस्पताल आना पड़ता है, लेकिन यहां थैलेसिमिया की दवा डेजरॉल खत्म हो चुकी है। जिसके लिए मरीज भटक रहे हैं। थैलेसीमिया पीड़ितों को बार-बार खून चढ़ाने के कारण शरीर में आयरन इकट्ठा होने लगता है। इसे हटाने के लिए इंजेक्शन डेजरॉल व टेबलेट केल्फर, डेजरॉल आदि दी जाती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जिला अस्पताल में यह वार्ड शुरू किया गया। थैलेसीमिया सोसायटी और आईएमए के सहयोग से जिला अस्पताल में एनसीडी सेल खोला गया था। यहां थैलेसीमिया के मरीजों को मुफ्त में दवायें उपलब्ध कराई जाती रही है। जिला अस्पताल में थैलेसीमिया के 180 मरीज पंजीकृत हैं। अस्पताल द्वारा इन्हें हर महा दवाइयां मुहैया कराई जाती है। खास बात तो यह कि यह दवाइयां बाजार में भी उपलब्ध नहीं है। बदायूं में रहकर मजदूरी करने वाले जय किशन कहना है कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान वाहनों का आवागमन बंद होने से काफी दिक्कत हुई। लेकिन मरीज का कार्ड दिखाने पर पुलिस ने जाने दिया। बच्चे को हर माह खून चढ़वाना पड़ता है। जिसके लिए किसी एक व्यक्ति को तैयार रखते है क्योंकि आईएमए में एक बोतल रक्त देने पर ही बच्चे के ग्रुप का ब्लड मिलता है। बहेड़ी के रहने वाले नौबत सिंह का कहना है कि थैलेसीमिया के मरीज व उसके साथ एक व्यक्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आने-जाने के बस की सुविधा निशुल्क की गई है। कार्ड पर एक माह की दवाई भी जिला अस्पताल से मिलती है। जिला अस्पताल में दवाई न मिलने पर दिल्ली के सरकारी अस्पताल से दवाई लानी पड़ती है। आजकल कोरोना काल में बच्चों की काफी देखभाल करनी पड़ती है।।

अस्पताल में थैलेसीमिया व रेबीज के इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए मांग पत्र भेजा गया है। जिसकी जल्द आने की संभावना है।
– विनीत कुमार शुक्ल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली

बरेली से कपिल यादव

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