घर में निशानी ए क़ब्र बना कर जलाई मोमबत्ती,फूल चढ़ा कर की दुआ ए मग़फिरत

प्रयागराज।बड़ी करबला,छोटी करबला,दरियाबाद सहित सभी क़बरिस्तानों में पुरखों की क़ब्रें रही वीरान,नही किया गया चरागाँ

घरों में दिलाई गई नज़्र,पुरखों की मग़फिरत को रात भर होती रही इबादत””””‘

लॉक डाऊन के कारण शबे बारात पर घरों में पुरखों को याद करते हुए फातेहाख्वानी और नज़्रों नियाज़ दिलाई गई।घरों में निशानी ए क़ब्र बना कर उस पर फूल भी चढ़ा और मोमबत्ती जला कर चरागाँ भी किया गया।उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी ने ओलमा और ज़िला प्रशासन के फरमान पर घर में अपने वालिदैन की निशानी ए क़ब्र बना कर उस पर फूल चढा़ए मोमबत्ती जलाई और मरहूमीन की मग़फिरत को बारगाहे इलाही से दूआ की।वार्षिक पर्व शबे बारात पर रवायत के मुताबिक़ लोग क़बरिस्तान जा कर अपने पुरखों की क़बरों को चराग़ाँ करते हैं।इस बार समूचा विश्व कोरोना वॉयरस की महामारी की ज़द में है।भारतीय भी इस महामारी की गिरफ्त में है।महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने लॉक डाऊन लगा रखा है।कोरोना वॉयरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए तमाम तरहा के जतन किए जा रहे हैं।प्रशासन व ओलमाओं ने भी लोगों से घरों मे इबादत करने की अपील की थी।क़बरिस्तान में फातिहा पढ़ने और घरों से बाहर न निकलने के साथ घरों में ही रतजगा (शब्बेदारी) करने दूआ ए मग़फिरत और इस बला से महफूज़ रखने को तमाम तरहा की दूआ और वज़ीफा पढ़ने की हिदायत दीया।उसी के मद्देनज़र दरियाबाद,करैली,बख्शी बाज़ार,रानीमण्डी,दायरा शाह अजमल,बैदन टोला,सब्ज़ी मण्डी,रौशन बाग़,चक,बरनतला,हसन मंज़िल जैसे शिया मुसलमानो ने शबे बारात पर क़बरिस्तान न जाकर घरों में ही अपने पुरखों की नज़्रो नियाज़ कराई और रात भर दूआ में गुज़ारी।अस्करी ने बताया की शिया समुदाय ने २९ के चाँद के हिसाब से आज १४ शाबान मान कर शबे बारात मनाया जब्कि अहले सुन्नत सुन्नी समुदाय) ३० के चाँद के हिसाब से ब्रहस्पतवार को शबे बारात मनाएगा।

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