ग्रामीण क्षेत्रों में कागजों के हिसाब से तो नियुक्त है स्वास्थ्य कर्मी मगर चक्कर कटते रहते हैं ग्रामीणजन

मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा – तेन्दूखेड़ा ब्लाक के अंतर्गन आने वाले अनेक गांवों में अनेक शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किये गये है मगर यदि ईमानदारी से देखा जावे तो इन शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गन ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रही है एक तरफ मौसमी बीमारियों का प्रकोप होने के साथ साथ इस समय कोरोना वायरस की चिंता संपूर्ण क्षेत्रवासियों को दहशत में डालने से नहीं चूक रही है तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मी नर्स व मलेरिया वर्कर अपने मुख्यालय से गायब रहते हैं ऐसे में टीकाकरण सहित शासन द्वारा ग्रामीणजनों के नाम पर चलाई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल होगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है शायद ही इसका किसी के पास कोई जवाब हो वही दूसरी ओर देखा जावे तो इस समय लगातार फैल रही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते हुए क्रम में देखने को मिल रही है कुछ इसी प्रकार की सच्चाई प्रसूताओं व शिशुओं के लिए टीकाकरण में भी देखने मिल रही है जो ग्रामीण क्षेत्रों में शायद ही कभी निर्धारित तिथि पर लगते हुए देखे जा रहे हो इस सच्चाई को लेकर बताया जाता है कि गावों में प्रसूताओं को नर्स द्वारा शासकीय दवाएं उपलब्ध ना कराने के बदले में बाजार की दवाएं मगवाती है जबकि गौर किया जावे तो राज्य सरकार का कहना है कि अस्पतालों के भण्डारण में सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध है मगर इसके बाद भी प्रसूताओं एवं रोगियों के लिए ये दवाएं गावों में पहुंच रही है कि नहीं इस बात का पता नहीं चल रहा है कि आखिर में ग्रामीणों को मिलने वाले दवाईयां कहा जाती है इस प्रकार से प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीणों के हितों को ध्यान में रखते हुए चलाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की योजनाओं पर जहां प्रश्न चिन्ह लगते हुए जान पड़ रहा है वही दूसरी ओर लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित स्वास्थ्य केंद्रों से लाभ नहीं मिलने की स्थिति में वह भटकते हुए देखे जा रहे हैं।

– विशाल रजक ,तेन्दूखेड़ा

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