गोरखपुर विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह का महामहिम राज्यपाल ने किया शुभारंभ

गोरखपुर – गोरखपुर विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करने महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश राम नाईक व समारोह के मुख्य अतिथि अध्यक्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो डॉ के सिवन दीक्षा भवन में पहुंच कर दीक्षांत समारोह में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।जानकारी के अनुसार इस दौरान राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि बेटियों का विभन्न क्षेत्रों में लगातार सफलता के झंडे गाड़ना कहीं न कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान की देन है। उन्होंने कहा कि वैसे तो अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में सर्व शिक्षा अभियान चलाया गया था जो सभी के लिए था और उसी की कड़ी है बेटियों की सफलता। राज्यपाल आज गोरखपुर विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षान्त समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे, और उपाधियों की प्राप्ति में बेटियों की 82 प्रतिशत सफलता पर उनका उत्साहवर्धन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह छात्रों के जीवन का पहला दीक्षान्त समारोह भले ही है पर विश्वविद्यालय की स्थापना के 62 वर्षों में यह 37वा हैं और मेरे जीवन का 5वां है। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन मे तो कोई गोल्ड मिला नहीं, लेकिन मैं 20 विश्वविद्यालय में जितना मैडल दिया हूं वह एक रिकॉर्ड है। गोरखपुर एक विलक्षण अंचल है। शिक्षकों का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंनाे कहा कि शिक्षा के लिए शिक्षकों को क्लास में जाना है। विश्वविद्यालय नियमित हुआ है यह अच्छा पहल है। यह कल्पना के पूरे हो जाने का समय है कि दुनिया में क्या है उसे पाने और बताने वाला वैज्ञानिक हमारे बीच में हैं। दीक्षान्त समारोह के आंकड़े कैसे बोले जाते हैं यह उन्होंने बताया । छात्रों का प्रतिशत 36 है तो छात्राओ का 64 है। यह अपने आप मे बड़ी उपलब्धि है। 131 पदक दिए गए है। जिसमें 24 लड़के और लड़कियों को 107। जिसमें 82% लड़कियों का है। 20 दीक्षान्त में लड़कियों को सर्वाधिक रिकॉर्ड बने हैं जिसमें गोरखपुर अव्वल है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि आये इसरो के चेयरमैन के. शिवन ने कहा कि मैं ddu के प्रबंध समिति का आभारी हूँ जिन्होंने मुझे यहाँ बुलाया। यह देश का बहुत प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में से एक है। जिसकी स्थापना यूपी के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी ने किया था। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एक पवित्र शहर है। जहाँ आकर मैं धन्य है। मैं सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों को बधाई दिया। बच्चों के माता-पिता को भी बधाई दिया। यह उपाधि पाकर डिग्रीधारियों की देश के विकास के लिए जिम्मेदारी बढ़ जाती है। राष्ट्र का विकास बेहद जरूरी है जिसमे युवाओं की भूमिका बड़ी है।उन्होंने कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी से देश को सेफ्टी, सिकुरिटी और बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ प्राप्त हुआ। दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुचने में दुनिया के कई देश डरते हैं पर भारत यहाँ तक पहुचने में सफल हो रहा है। भारत एक धनी देश है जिसकी जीडीपी 6 के करीब है। यह कहना गलत है कि भारत एक गरीब देश है। हम अधिकतम सोने का आयात करते हैं। इसरो के 6 रिसर्च सेंटर हैं और देश के 12 हिस्सों में इसके सेंट्रर खोले जाएंगे जिसमें लखनऊ और वाराणसी शामिल होगा

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