शाहजहाँपुर – शाहजहांपुर में नाबालिग से आसाराम यौन शोषण के मामले में 25 अप्रैल को पीड़िता के परिवार को न्याय की उम्मीद जागी है। साढे चार साल बाद इन संघर्षों के बीच पीड़िता के परिवार के ऊपर ना केवल आसाराम और उसके गुर्गो समझौता कराने का दबाव बनाया गया बल्कि कई गवाहों की हत्या कर दी गई। यही नहीं यही नहीं आसाराम प्रकरण को लिखने वाले पत्रकारों के ऊपर भी हमले हुए।
जानकारी के अनुसार शाहजहांपुर का नाबालिग बेटी का यह बूढ़ा बाप है जिसने साढे चार साल के अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए खो दिये। इन साढे चार सालों में पीडिता के पिता साथ ना केवल गवाहों तोड़ने का प्रयास हुआ बल्कि शारीरिक मानसिक और रिश्तेदारों के साथ धमकी भी दी गई यही नहीं उसके तीन गवाहों की हत्या कर दी गई बल्कि कई लोगों को मारकर गायब कर दिया गया है। सबसे अहम गवाह कृपाल था जिसको सदर बाजार इलाके में आसाराम के गुर्गो ने गोली मारकर हत्या कर दी थी आज भी पीड़ित परिवार न्याय की आस लगाये हुए है वहीं दूसरी ओर पीड़िता का यह परिवार जोधपुर में 25 तारीख को होने वाले न्याय के डिसीजन को न्यायालय पर भरोसा जता रहा है।
यही नहीं शाहजहांपुर में आसाराम की गुर्गो ने आश्रम में रहकर ना केवल षड्यंत्र रच कर पीडिता की जन्म तिथि को भी बदलवाने के लिए दुस्साहसिक प्रयास किए जिसके लिए कई बार प्रिंसिपल को चिट्ठी भेजकर जान से मारने की धमकी भी दी गई। वहीं दूसरी ओर आसाराम के खिलाफ लिखने वाले एक समाचार पत्र के पत्रकार नरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला बोल कर उनकी लेखनी को बंद करने का षड्यंत्र भी रचा गया। आज यह पत्रकार भी अपनी एक पुलिस के भरोसे सुरक्षा ले रहा है उसे भी न्यायालय पर भरोसा है। वहीं दूसरी ओर डिसीजन न्यायालय का डिसीजन आने के बाद आने की सुगबुगाहट के साथ ही पुलिस प्रशासन ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है।
-अंकित कुमार शर्मा,शाहजहांपुर