अखिलेश के सरकारी बंगले पर राजनीति शुरू:राज्यपाल की चिट्ठी के बाद अखिलेश ने रखा अपना पक्ष

लखनऊ- लखनऊ आवंटित बंगले को छोड़ने से पहले की गई तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के राज्यपाल के पत्र के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आज पीसी कर अपना पक्ष रखा।अखिलेश ने आज सवाल उठाया कि उनके बंगला छोड़ने के बाद कौन से अधिकारी उस बंगले में गए थे। इसका खुलासा होना चाहिए। वे अधिकारी किस काम से गए थे। अखिलेश ने कहा कि झूठी खबरें प्लांट की जा रही है। कहा जा रहा है कि स्वीमिंग पूल को तोड़ दिया गया लेकिन कोई यह तो बताए कि स्वीमिंग पूल कहां है। अखिलेश ने कहा कि मैंने अपने पैसे से मंदिर बनवाया, जाली लगाई, क्या ये सब चीजें नहीं दिखी अखिलेश ने कहा कि गोरखपुर फूलपुर और कैराना में हार से बौखलाई सरकार अब इस तरह की छोटी छोटी बातों पर उतर आई है।अखिलेश ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान राज्यपाल सोए हुए थे बीजेपी की सरकार बनने के बाद अचानक वे जाग गए उन्हें बंगले में तोड़फोड़ दिख रही है लेकिन राज्य में दलित अल्पसंख्यक और पिछड़ों के साथ हो रही मारपीट और अन्याय नहीं दिख रहा है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं।लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खाली किए बंगले को लेकर रार थमने का नाम नहीं ले रही है। बंगला खाली करने के बाद अखिलेश यादव पर तोड़फोड़ और क्षतिग्रस्त करने के आरोप लगे। मामले में राज्यपाल राम नाईक ने भी सीएम योगी को पत्र लिखकर मामले को गंभीर माना और जांच के लिए कहा है।

जिसको लेकर आज सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी, साथ ही योगी सरकार पर बदले की राजनीतिक आरोप लगाया।यही नहीं अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में सरकारी अधिकारियों की खिंचाई भी की।

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