फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क पर घूमने वाले गोवंश के पशुओं के लिए कान्हा उपवन बनवाया गया है। जिसमें आवारा गोवंश यह जानवरों की देखरेख व भोजन की व्यवस्था की जाती है लेकिन उसके बाद भी शहर से लेकर देहात तक सड़कों पर आवारा घूमती गाये कूड़े में मुंह मारती नजर आती है। हजारों गोवंश सड़कों पर भटक रहे हैं। खाने को चारा तो दूर पीने को पानी तक नसीब नहीं होता। भूख प्यास सहन नहीं होती तो गोवंश कूड़े ढेर से कूड़ा व पॉलीथिन खाकर पेट की आग शांत करता है। यहीं पॉलीथिन आंतड़ियों में फंसकर गोवंश को तड़प-तड़पकर मरने के लिए मजबूर कर देता है। इन्हें बचाने न तो कोई गोरक्षक आता है और न ही गोसेवक। सड़क हादसों में घायल होने के साथ-साथ कहीं सीवर में तो कहीं गहरे नाले में गाय फंसी हुई नजर आती है। बहुत सी गाय तड़प-तड़प कर दम तोड़ने पर मजबूर हो रही हैं। इसके बावजूद नगर निगम व नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी अपने मनमानी से बाज नहीं आ रहे है। जिस कारण सड़कों पर कूड़े का ढेर, डस्टबिन आदि पूरी तरह कूड़े से भर जा रहे हैं। कूड़ा न उठने पर सड़कों पर बिखर जाता है। वहीं नगर निगम गोवंश के पशुओं को पकड़कर उन्हें कान्हा उपवन में आश्रय देने का दावा कर रहा है लेकिन सड़क पर बिखरे कूड़े के ढेर से यह गाय अपना पेट भर रही है जबकि नगर निगम इस बात का दावा करता है कि उसने आवारा पशुओं को पकड़कर पशु आश्रय गृह कान्हा उपवन में रखने का बीड़ा उठा रखा है। हर महीने नगर निगम पशुओं के चारे के लिए दो लाख खर्च करता है।।
बरेली से कपिल यादव