बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। साइवर ठगी और हवाला कारोबार के लिए बदनाम गांव धन्तिया में मंगलवार को मुजफ्फरनगर और बस्ती जिलों की पुलिस की संयुक्त टीम ने दबिश देकर कई संदिग्धों के घरों पर छापामार कार्रवाई की। लेकिन छापे की खबर पहले ही लीक हो गई और पुलिस के पहुंचने से पहले ही साइबर ठगी के आरोपी फरार हो गए। हालांकि पुलिस उनकी तलाश गांव में ही डेरा डाले हुए है लेकिन पुलिस ने मीडिया कर्मियों को कुछ भी बताने से इंकार किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बस्ती और मुजफ्फरनगर निवासी दो लोगों के खातों से 67 लाख रुपये साइबर ठगी करके निकाले गए है। पीड़ितों द्वारा मुकदमा दर्ज कराने के बाद पुलिस की जांच में पता चला कि फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के गांव धंतिया के कई लोगों के खाते में यह रकम भेजी गई। मंगलवार को मुजफ्फरनगर और बस्ती पुलिस के निरीक्षक सत्यप्रकाश और सिपाही प्रदीप, इनदे आजाद, राकेश कुमार की टीम फतेहगंज पश्चिमी थाने में आमद कराने के बाद साइबर ठगी के आरोपियों की तलाश में स्थानीय पुलिस की मदद से जब गांव में गई तो कई ग्रामीणों ने ठगों के गांव में रहने से ही इन्कार कर दिया। सघन छानबीन के बाद आरोपियों के गांव में ही रहने की पुष्टि हो पाई। इसके बाद उन सबके घरों पर छापे मारे गए लेकिन तब तक आरोपियों को काफी वक्त मिल चुका था। लिहाजा सभी आसानी से फरार हो गए। जिससे पुलिस टीम को खाली हाथ ही लौटने पड़ा। हालांकि दोनों जिलों की पुलिस टीम साइबर ठगों की तलाश में अभी भी गांव में ही डटी हुई है। करीब सात माह पहले एसपी अभिषेक वर्मा की अगुआई में क्राइम ब्रांच बरेली की टीम ने गांव धन्तिया में रात में छापे मारकर हवाला और साइबर ठगी के सरगना समेत करीब दर्जन भर आरोपियों को हिरासत में लिया था। सरगना के परिवार के एक युवक की टीम के डर से छत से कूदकर मौत भी हो गई थी। हिरासत में लिए गए लोगों से टीम ने बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, भारी मात्रा में कैश और लग्जरी कारों को बरामद किया था। पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी।।
बरेली से कपिल यादव