श्रेया की याद में ग्रामीणों ने निकाला कैंडिल मार्च

रिपोर्ट-: अनिल गुप्ता वाराणसी
वाराणसी-प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र मे स्थित केवीएन पब्लिक स्कूल कचहरिया मे पढ़ रही कक्षा 7 की छात्रा श्रेया पाण्डेय की 23 फरवरी को हुये मौत के मामले मे आज श्रेया के याद मे ग्रामीण संग एंटी करप्शन कमेटी के पदाधिकारीयों ने मंगलवार शाम को जकखीनी त्रीमुहनी से राजातालाब सड़क मार्ग से होते हुये मिल्कीपुर से पनीयरा बाबुराम के पूरा श्रेया के आवास तक कैंडिल मार्च निकाली गयी व शोक सभा भी की।चार दिन पूर्व केवीएन पब्लिक स्कूल में दिल दहला देने वाली श्रेया पाण्डेय काण्ड की याद में महिला सुरक्षा की माँग को लेकर पनीयरा गाँव में मंगलवार को गाँव की सैकड़ों ग्रामीणों और युवाओं के साथ एंटी करप्शन के पदाधिकारीयों ने कैंडिल मार्च निकाला।एंटी करप्शन के उमाशंकर मिश्र ने बताया कि महिला के खिलाफ होने वाली किसी भी तरह की घटना के बाद हमेशा महिलाओं को दोष दिया जाता है। अगर वह उस समय घर के बारह हो और वह रात का समय हो तो ऐसे में सवाल महिलाओं से किया जाता है कि रात के वक्त वह घर से बाहर क्यों गयी थी।आज हमारा समाज हमारी सड़कों को रात के वक्त महिलाओं के लिए असुरक्षित कर दिया है।अब जरूरी है कि इस सवाल को तोड़ा जाए और इसे सिर्फ तभी तोड़ा जा सकता है जब महिलाएं ज़्यादा से ज़्यादा सड़कों पर आए और अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं।कैंडिल मार्च एंटी करप्शन टीम और सेवा समिति के कार्यकर्ताओं की अगुवाई में जखीनी से लेकर श्रेया के आवास तक निकाली गयी कैंडल मार्च मे लोगो ने श्रेया हम शर्मिन्दा है-तेरा कातिल जिंदा है..जिस विद्यालय मे बेटियाँ सुरक्षित नही उस विद्यालय को बंद करो लिखा हुआ तख्ती हाथ मे लेकर नारा लगाते हुये चल रहे थे।इस अवसर पर श्रेया के दादा कृपा शंकर पाण्डेय ने कहा कि समाज में लोगों को यह संदेश देना है कि गाँव हो या शहर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए,जिसकी शुरुआत न केवल महिलाओं को सड़कों पर देर रात बाहर निकलने पर होगी बल्कि समाज को उनकी उपस्थिति स्वीकार ने से होगी, जिससे समाज में शांति बनेगी।अनिल मिश्र ने बताया कि गाँव में इस अभियान को लाना बेहद ज़रूरी था क्योंकि कई बार महिला-सुरक्षा के ज़रूरी सवाल को लेकर शुरू हुए कार्यक्रम सिर्फ बड़े शहरों तक ही सिमट कर रह जाते है पर वास्तविकता यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिला के खिलाफ होने वाली हिंसा कहीं से भी कम न॥हीं है।कार्यक्रम में मुख्य रूप से अरविन्द कुमार पाण्डेय.चंदन.सुजीत.मुकेश.योगेश.राजेंद्र.राजन.विवेक.भूपेन्द्र.आदि लोग शामिल रहे

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