शहीद गुरुजीत सिंह की राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि

शाहजहांपुर- शाहजहांपुर विगत 24 मई को पिथौरागढ़ के डीडीहाट चाइना वार्डर पर शहीद हुए शाहजहांपुर के विकासखंड खुटार के ग्राम पुनौती खुर्द के सिपाही गुरुजीत सिंह का पार्थिव शरीर मौत के तीसरे दिन आज घर पंहुचा जहाँ जिलाधिकारी अम्रत त्रिपाठी पुलिस अधीक्षक एस चिनप्पा और सिख रेजिमेंट के जवानो ने सलामी देकर अंतिम संस्कार कराया। 2013 में सिख रेजिमेंट में भर्ती गुरुजीत सिंह अपने गाँव के युवाओं में रोल माडल बन चूका था। अपनी भर्ती के बाद उसने गाव के युवको में देश भक्ति को जागरूक किया और स्वंम सभी की तैयारी कराकर गाव के 14 अन्य युवको को सेना में भेजा जो आज भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे है। परन्तु जवान की मौत होने के 36 घंटे के बाद भी शव घर न पहुचने पर रो रो कर बेहाल हो चुके परिजनों और ग्राम वासियों में सेना की संवेदनहीनता पर रोष देखने को मिला। मौत की सूचना आने के बाद भी जब तक शव घर नहीं आया जिला प्रशासन ने शहीद के परिजनों के हाल पूछना भी उचित नहीं समझा शासन और प्रशासन की संवेदनहीनता के चलते कैसे कायम रह पायेगा देश भक्ति का जज्बा ।

शहीद गुरुजीत के पिता ने बताया की हम लोगो ने गरीबी होने के बाद भी अपने बेटे में देश सेवा का जज्बा देखकर उसे सेना में भर्ती कराया था एक वर्ष पूर्व उसकी शादी हुई थी आज देश के के ख़ातिर मैंने अपना बेटा खोया है मेरी बहू ने अपना पति परन्तु इस बात का दुख है अभी तक मेरे बेटे की मौत सही कारण भी नही बताया जा रहा और 30 घण्टे बीत चुके लेकिन अभी हम लोगो को बेटे की लाश भी देखने को नही मिली है।

चीन सीमा पर शहीद हुए जवान गुरुजीत सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को जब उनके घर पहुंचा। उनका राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस प्रशासन के अफसरों समेत आर्मी के अफसर शहीद के घर पहुंचे जहां उन्होने राजकीय सम्मान के साथ अन्तेयष्टि की गई। इस दौरान शहीद को सैनिको ने अन्तिम सलामी देते हुए दुखी परिवार को ढाढस बंधाया। आपको बता दे गुरुजीत सिंह पिथौरागढ़ में चीन सीमा पर तैनात थे। शाहजहांपुर जिले के खुटार थाने के पुनैती गांव के रहने वाले गुरुजीत चीन सीमा से करीब 50 किलोमीटर दूर 10 रेजीमेंट में सिपाही के पद पर तैनात थे। गुरुवार को सैनिक गुरूजीत सिंह पेट्रोलिंग कर रहे थे। तभी वह पहाडी से फिसल गये । पहाडी से फिसलने स गुरजीत सिंह शहीद हो गए। गुरजीत सिंह के शहीद होने की खबर दोपहर बाद जैसे ही परिजनों को लगी वैसे ही परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। वही डीएम अमृत त्रिपाठी ने ने परिवार का सहायता देने का एलान करते हुए गांव मे शहीद द्वार बनबाने का एलान किया है।

शहीद के भाई ने बताया कि हमारा भाई हमारे परिवार एक मात्र सहारा था आज उसके शहीद होने से हमारा परिवार उजड़ गया है अब देखना है सरकार हमारी कितनी मदद करती है।

-शाहजहांपुर से अंकित कुमार शर्मा की रिपोर्ट

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