बरेली। भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल के कैंट विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी घोषित होने के बाद बरेली शहर में एक नई बहस ने जन्म लिया है। यह बहस वैश्य समाज के नेतृत्व को लेकर हो रही है। अब तक बरेली में वैश्य समाज के दो बड़े चेहरे राजनीतिक रूप से जाने जाते थे। इनमें पहला नाम पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल एवं दूसरा नाम पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन का था।राजेश अग्रवाल अपनी पूरी जिंदगी में कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे। वहीं प्रवीण सिंह ऐरन सांसद और विधायक भी रहे। राजेश अग्रवाल अब उम्रदराज हो चुके हैं लेकिन अपनी राजनीतिक विरासत वह अपने सुपत्र मनीष अग्रवाल को सौंपना चाहते थे लेकिन पार्टी हाईकमान और संजीव अग्रवाल की दमदार दावेदारी के आगे मनीष अग्रवाल कमजोर साबित हुए। पार्टी ने संजीव अग्रवाल पर भरोसा जताया और उन्हें कैंट सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। संजीव अग्रवाल के उम्मीदवार बनते ही वैश्य समाज ने भी संजीव अग्रवाल को अपने नेता के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इनमें राजेश अग्रवाल खेमे के भी काफी लोग है। सोमवार को जब संजीव अग्रवाल ने अपने चुनाव कार्यालय का शुभारंभ किया तो ये सभी लोग संजीव अग्रवाल का हौसला बढ़ाते नजर आए। इनमें कुछ ऐसे व्यापारी नेता भी थे जो राजेश अग्रवाल खेमे के वफादार सिपाही कहे जाते थे। संजीव अग्रवाल के संगठन में बढ़ते कद के आगे ये सभी नेता न सिर्फ समर्पित नजर आए बल्कि उन लोगों की जुबान पर भी ताले लगे दिखाई दिए जो यह कहा करते थे कि राजेश अग्रवाल के बिना बरेली कैंट में भाजपा का सियासी वजूद खत्म हो जाएगा। कहा जाता है कि जिसका उदय होना हो उसे कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही संजीव अग्रवाल के साथ भी हुआ। संजीव अग्रवाल ने चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर जिस तरह से हर वर्ग को साधने का काम किया है उसने यह साबित कर दिया है कि बरेली कैंट विधानसभा सीट ही नहीं पूरे महानगर में संजीव अग्रवाल वैश्य समाज का नया सितारा बनकर अपनी चमक बिखेरने लगे हैं। संजीव अग्रवाल के कार्यालय का शुभारंभ पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया। कार्यालय के शुभारंभ के मौके पर मेयर डा. उमेश गौतम, गुलशन आनंद, महानगर अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा, पूर्व उपसभापति छंगामल मौर्य, पूर्व उपसभापति अतुल कपूर सहित कई दिग्गज नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।।
बरेली से कपिल यादव