वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी के लोगों को बताई संस्कृत का महत्व

वाराणसी -उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे. यहां सर्किट हाउस पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री महमूरगंज स्थित निवेदिता शिक्षा सदन पहुंचे. जहां पर उन्होंने संस्कृत भाषा पर आयोजित कार्यक्रम ‘अखिल भारतीयोपवेशनम काशी’ में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया.
यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत भाषा को विज्ञान से भी ऊपर बताते हुए इसके महत्व पर लंबी चर्चा की. उन्होंने कहा कि संस्कृत यहां के लोगों में और यहां की संस्कृति के रग-रग में बसी है. यूं कहा जाए कि संस्कृत भारत के डीएनए में बसी है तो कहीं से गलत नहीं होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और उत्थान के लिए कोई प्रयास ना किए जाने पर पिछली सरकारों को भी जिम्मेदार ठहराया .
उन्होंने कहा कि 17 साल लग गए संस्कृत को प्रदेश में आगे बढ़ाने के लिए. जब मैं मुख्यमंत्री बना तब मैंने इस दिशा में प्रयास शुरू किया और आज संस्कृत को आगे बढ़ाने के लिए काफी प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में अपना संबोधन करते हुए कहा कि अगर कहीं पर विज्ञान खत्म होता है तो उससे भी आगे संस्कृत होती है।
सभ्यता और परंपरा साथ लेकर चलने की जरूरत
सीएम ने कहा कि कई भारत आए तो भारत के ही हो कर रह गए, लेकिन अपनी परंपराओं और चीजों को भूलने की वजह से कुछ लोगों की गलत नीतियां यहां पर देखने को मिली. इसके लिए भी जिम्मेदार हम ही हैं जो हमने अपनी चीजों को भूलने का काम किया. इसलिए जरूरी यह है कि हम अपनी सभ्यता परंपरा और संस्कृति को ना भूले और उन्हें हमेशा साथ लेकर चलें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि संस्कृत को अपनाते हुए हम अपनी परंपराओं के अनुरूप कार्य करेंगे तो भारत विश्व में सर्वोच्च स्थान पर होगा. इस दिशा में प्रयास शुरू भी हो गया है और जो दिख भी रहा है. आज पूरे विश्व में योग की शक्ति को पहचाना और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है. जो अपने आप में यह साबित करता है कि भारत की ताकत सभ्यता संस्कृति और तो हर कोई जान रहा पहचान रहा है.

रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय मण्डल कॉर्डिनेटर वाराणसी

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