रुहेलखंड विश्वविद्यालय मे रिसर्च वर्क होने से शहर को मिलेगी नई पहचान, अफ्रीका और अमेजन के पौधों पर रिसर्च

बरेली। शहर मे स्थित एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय मे जल्द ही अफ्रीका और अमेजन जगंल के पेड़ पौधों पर रिसर्च शुरू होगी। पेड़ पौधों पर रिसर्च के लिए रुहेलखंड विश्वविद्यालय में प्लांट रिसर्च लैब बनाई जा रही है। इस लैब में कई दूसरे देशों के विशेष प्रकार के पेड़ पौधों के लिए रिसर्च वर्क किए जाएंगे। इस प्लांट लैब से रुहेलखंड ही नहीं आसपास के क्षेत्रों के भी वातावरण पर रिसर्च की जाएगी। विश्वविद्यालय कैंपस में प्लांट रिसर्च लैब का भी कार्य शुरू हो चुका है। जिसमें कई प्रकार के पौधों को लगाया भी जा चुका है। बीते दिनों कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने खुद लैब का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया था। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस लैब को नए सत्र से पहले रिसर्च वर्क शुरू हो जाएगा। इस प्लांट रिसर्च लैब में देश के विभिन्न राज्यों के पौधों पर भी रिसर्च होगी। क्योंकि देश के कई राज्यों में ऐसे पेड़ पौधे पाए जाते है जो कि हर प्रकार के वातावरण में नहीं उग सकते हैं। अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों के पेड़ पौधे मैदानी क्षेत्रों में नहीं हो पाते है। इसलिए अब इस वर्क की भी रिसर्च होगी कि आखिर कैसे हम पहाड़ी वातावरण के पेड़ पौधों को मैदानी क्षेत्रों के उगा सकते हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय में प्लांट रिसर्च वर्क होने से शोध के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। अभी तक रिसर्च वर्क के लिए यहां के शोधार्थियों को दूसरी यूनिवर्सिटी में शोध के लिए जाना पड़ता था। लेकिन अब रिसर्च वर्क रुहेलखंड विश्वविद्यालय में होने से शहर को भी नई पहचान मिलेगी। पेड़-पौधों के साथ साथ पानी में रहने वाले पेड़-पौधों पर भी रिसर्च होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अनेकों पौधो की प्रजातियां जल में भी पाई जाती है।।

बरेली से कपिल यादव

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