राज्य के मुख्यमंत्रियो के साथ वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए चली पीएम मोदी की बैठक:दिए गए सुझाव

नई दिल्ली: राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए बैठक की. ये बैठक करीब छह घंटे तक चली. इसमें कोरोना वायरस, इसको लेकर लगाए गए लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. कोरोना वायरस को लेकर पीएम मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ये पांचवी बैठक थी. मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे. इसमें राज्यों के सीएम ने अपनी-अपनी बात रखी.
ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जब भारत सरकार ने सीमाओं को खोलने, ट्रेनों को शुरू करने और हवाईअड्डों को खोलने सहित लगभग सब कुछ खोल दिया है, तो लॉकडाउन जारी रखने का बिंदू क्या है? उन्होंने कहा कि हम इस संकट में एक साथ हैं. हालांकि, किसी तरह पश्चिम बंगाल को केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए टारगेट किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से रोज कई गाइडलाइन जारी की जाती है. इसे पढ़ने और फॉलो करने में हम थक जाते हैं.
अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी.
के चंद्रशेखर राव
वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अभी यात्री ट्रेन सेवा शुरू नहीं करने का आग्रह किया जिसे देश में कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपायों के हिस्से के रूप में रोका गया था.
उद्धव ठाकरे
वहीं महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि लॉकडाउन पर विशिष्ट और ठोस मार्गदर्शन’’ करें. एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि सीएम ठाकरे ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘लॉकडाउन पर हमारा विशिष्ट एवं ठोस मार्गदर्शन करें, राज्य वही लागू करेंगे.’’ बयान में कहा गया है कि ठाकरे ने मोदी से आग्रह किया कि मुंबई में आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारियों के लिए लोकल ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाए.
भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने राज्यों के भीतर आर्थिक गतिविधियों से निपटने के बारे में फैसले लेने का अधिकार मिलना चाहिए. उन्हें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन क्षेत्र घोषित करने की जिम्मेदारी भी मिलनी चाहिए.
नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी से 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अप्रवासी बिहारियों के आने पर अगर सही तरीके से नहीं जांच की गई तो बिहार की स्थिति सबसे खराब हो सकती है.
अमरिंदर सिंह
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन में सावधानी पूर्वक तैयार की गई रणनीति के साथ विस्तार करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि राज्यों की राजकोषीय और आजीविका को सुरक्षित करने के लिए रणनीति बनाई जानी चाहिए.
के पलानीस्वामी
तमिलनाडु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि 31 मई तक ट्रेन सेवाओं की अनुमति ना दें. शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण भारत की तरफ श्रमिकों के पलायन और मजदूरों के अपने घर जाने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली में आने वाली समस्याओं पर भी इस बैठक में चर्चा की गई.
पिनाराई विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्यों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इसलिए उन्हें लॉकडाउन से संबंधित दिशानिर्देशों में उचित बदलाव करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए.
पेमा खांडू
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि कोरोना वायरस की तेजी से जांच करने वाली ट्रूनेट मशीन मुहैया कराई जाएं, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने पूर्वोत्तर राज्य लौटना शुरू कर दिया है. खांडू ने उनसे यह भी अनुरोध किया कि वह पूर्वोत्तर में निवेश कराना जारी रखें ताकि महामारी के कारण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव नहीं पड़े.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
वहीं पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आगे के रास्ते और सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर संतुलित रणनीति बनानी होगी और लागू करनी होगी. उन्होंने कहा, ‘‘आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है, राज्यों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा, ‘‘जहां भी हमने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया, हमारी समस्याएं बढ़ गयीं.’’ उन्होंने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रियायतों के बाद भी कोविड-19 को गांवों तक फैलने से

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