राज्यपाल ने स्मृति शिला पट्ट का किया अनावरण

*राजनारायण एवं प्रजातांत्रिक पुनर्जागरण उनकी उपयोगिता विषयक गोष्ठी एवं आशीर्वाद गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन

*देश के नेताओं को कहा कि सभी लोग दें सभ्‍यता का परिचय दें- राज्‍यपाल राम नाईक

वाराणसी/जंसा- थाना क्षेत्र के मोतीकोट, गंगापुर स्थित नव सृजन लोक बंधु राजनारायण इंटर कालेज पर बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे आयोजित राजनारायण एवं प्रजातांत्रिक पुनर्जागरण उनकी उपयोगिता विषयक गोष्ठी एवं आशीर्वाद गोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री राम नाईक तथा विशिष्ट अतिथि कुलपति विद्यापीठ टी एन सिंह ,राधे मोहन सिंह, सीताराम शास्त्री तथा पुष्पा शिव द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलन कर गोष्ठी का उद्घाटन शुभारंभ किया गया इसके पश्चात मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री राम नायक तथा विशिष्ट अतिथियों के साथ मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री राम नाईक ने कॉलेज परिसर में आशीर्वाद गोष्टी की स्मृति पट्टिका का अनावरण किया।
गोष्टी में आए हुए मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों को कॉलेज के प्रबंधक सुभाष सिंह द्वारा स्मृति चिन्ह तथा अंग वस्त्र देकर सम्मानित व स्वागत किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता श्रीमती पुष्पा सिंह तथा संचालन श्वेता सिंह ने किया।
लोकबन्धु राजनारायण इंटर कालेज, मोतिकोट, गंगापुर में आयोजित ‘राजनारायण एवं प्रजातान्त्रिक पुनर्जागरण में उनकी उपयोगिता’ विषयक समागम में पहुंचे सूबे के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि हमें न्यायपालिका और संसद के प्रति सम्मान रखना चाहिए पर अफ़सोस की बात है कि आज राजनीति में ऐसा नहीं हो रहा है। राजनीति में हम सबको सभ्यता का परिचय देना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि राजनीति में सम्मान से विचार रखने चाहिए पर दुर्भाग्य से ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आज हमें राजनारायण जैसे व्यक्तित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि आज मैं गंगापुर में राजनारायण जी के व्यक्तित्व और आज के राजनीतिक परिपेक्ष्य में ही उस समारोह में कहकर आया हूँ। राजनारायण जी ने जिस प्रकार संघर्ष किया, व चुनाव हारने के बाद भी 1971 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सरकारी संसाधानों का दुरुपयोग किया तो उन्होंने उच्च न्यायलय के माध्यम से संघर्ष किया। वो ज़मीनी नेता थे और संघर्ष करने वाले नेता थे। उन्होंने कहा कि संवैधानिक दृष्टि से न्‍यायपालिका और संसद बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। हमें हर एक के प्रति सम्मान रखना चाहिए।
विपक्ष द्वारा विधानसभा में किये गये हंगामे के सवाल पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि जिस दिन मेरा उद्बोधन था उस दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। वो मेरे ऊपर कागज़ का गोला फेंकते रहे पर मैंने अपना दायित्व निभाया। इस दौरान एक समाजवादी विधायक बेहोश भी हो गए जिन्हें मैंने अस्पताल भेजवाया और बाद में अस्पताल पहुंचकर उनकी कुशल क्षेम भी पूछी। हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए ताकि अनुकरणीय कार्य करने की इच्छा हो।
राजनीति में लगातार एक दूसरे पर हो रही ओछी बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि हमें सभ्यता का परिचय देना चाहिए। मैं पहले के राजनीतिज्ञों को देखता रहा हूं, अटल जी थे, इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। उसके बाद नरसिम्हा राव जी के कार्यकाल में अटल जी विपक्ष के नेता थे। सम्मान के साथ सभी एक दूसरे के विचारों को सुनते थे, लेकिन आज वही नहीं होता।
गोष्ठी में मुख्य रूप से अभिषेक सिंह ,शैलेंद्र कुमार उर्फ शैलू सिंह ,रविंद सिंह, सुरेश सिंह, सुशील कुमार सिंह, डॉ नीरज पाठक, श्रीप्रकाश मिश्र ,सुनील सिंह प्रदीप सिंह, छेदी यादव विजय पांडे ,बच्चा लाल यादव, छेदी यादव ,सर्वजीत भारद्वाज इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-:कमलेश गुप्ता रोहनिया वाराणसी

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