बरेली। 60 वर्ष की उम्र में 70 बार रक्तदान करने वाले समाजसेवी सुरेन्द्र बीनू सिन्हा का कहना है कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं होता। एक व्यक्ति के रक्तदान करने से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं फिर क्यों न रक्तदान किया जाए। आजकल कोरोना काल में जब रक्त बैंक में भी रक्त की कमी है तो ऐसे में सभी युवाओं से अनुरोध है कि राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर रक्तदान अवश्य करें। नियमित रक्तदान करने वाले भी अपना रक्तदान अवश्य करें। समाजसेवी और नियमित रक्तदान करने वाले सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने बताया कि अगर रक्तदाता रक्तदान नहीं करेंगे तो खासतौर से थैलीसीमिया रोग से पीड़ित बच्चों के लिये बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। जो बच्चे बरेली के बाहर के हैं उनकी जिंदगी बचाना एक बड़ी चुनौती है। उनके परिवार के लोग अपने बच्चों की जान को बचाने के लिए इधर उधर घूम रहे हैं और रक्त मिलने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर सुरेन्द्र बीनू सिन्हा का सभी से कहना है कि रक्त देने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है बल्कि रक्त देने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा ज्यादा स्वस्थ रहता है। रक्तदान अवश्य करें। रक्तदान करने से कई जिंदगियां बच सकती हैं। तो क्यों न रक्तदान करे।।
बरेली से कपिल यादव