लखनऊ- प्रदेश में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए शासन ने एक और फैसला लिया है। जिसके तहत प्रदेश के दो तिहाई थानों में केवल इंस्पेक्टरों को ही तैनात करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा शेष एक तिहाई थानों में भी योग्य इंस्पेक्टरों की तैनाती की जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक सचिव गृह ओपी वर्मा की ओर से डीजीपी ओपी सिंह को भेजे गए पत्र में पूर्व के शासनादेश में संशोधन किए जाने की जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि 7 फरवरी, 2014 और 4 मार्च, 2014 को जारी शासनादेश में प्रदेश के कुल थानों के दो तिहाई थानों पर इंस्पेक्टरों व एक तिहाई थानों पर सब इंस्पेक्टरों को थानाध्यक्ष के रूप में तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया था। अब इन दोनों आदेशों को मिलाने का आदेश जारी किया गया है।
इस नए नियम के अनुसार अब प्रदेश के दो तिहाई थाने जो इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों के लिए चिह्नित हैं, उनमें केवल इंस्पेक्टर स्तर के ही योग्य अधिकारियों की तैनाती की जाएगी।
प्रदेश के जो एक तिहाई थाने पूर्व में सब इंस्पेक्टरों को थानाध्यक्ष के रूप में तैनात किए जाने के लिए चिह्नित किए गए थे उनमें योग्य इंस्पेक्टरों की भी तैनाती की जा सकती है। इन थानों पर दक्ष, सशक्तएवं उपयुक्त सब इंस्पेक्टरों की भी तैनाती पर विचार किया जा सकता है।
वरिष्ठ अधिकारियों की होगी जबाबदेही:-
यदि एक किसी थाने पर एक से अधिक इंस्पेक्टरों की तैनाती की जाती है तो यह ध्यान रखा जाएगा कि वरिष्ठतम अधिकारी को ही प्रभारी निरीक्षक बनाया जाए। इसके साथ ही यदि किसी थाने पर सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को थाना प्रभारी बनाया गया है तो इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी की उसके अधीनस्थ तैनाती न की जाए। उम्मीद है कि शासन के इस कदम से अपराध के ग्राफ में गिरावट आयेगी।