यदि मंजकोट बाहरियों से मुक्त न हुआ तो उत्तराखंड क्रांति दल करेगा उग्र आंदोलन

पौड़ी गढ़वाल/उत्तराखंड – जनपद पौड़ी गढ़वाल में
आज उत्तराखंड क्रांति दल का पौड़ी में एक दिवसीय धरना दो प्रमुख मांगों को लेकर दिया गया तत्पश्चात ज्ञापन सौंपा गया जिसके माध्यम से निम्न माँग की गयी।
1 :- राज्य में आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए
2 :- ग्रामसभा मंजकोट में अवैध रूप से रह रहे , लोगों का सत्यापन हो व उनके द्वरा उत्पीड़ित किए जा रहे स्थानीय नागरिकों व उन पर लिखे फर्जी मुकदमों की उच्च स्तरीय जांच हो ,
पूर्व जिला अध्यक्ष सुबोध पोखरियाल व वर्तमान जिला अध्यक्ष मनमोहन पंत ने राज्य सरकार व तहसील प्रसासन को दो टूक शब्दों में कहा कि यदि मंजकोट से बाहरी लोग न हटे तो उत्तराखंड क्रांति दल उग्र आंदोलन करने पर विवश होगा

अब आपको बताते हैं कि क्या है मामला मंजकोट का

विकासखण्ड ज़हरीखाल ग्राम सभा पुंडेरगांव के मंजकोट गांव की है
यहाँ पर यही के कथित बाबा चंद्रमोहन बुडाकोटी जो कि मेरठ में रहता है उसका आश्रम बन रहा है और उस निर्माण में मेरठ के मजदूर लगे हैं इन्ही में एक का नाम है कमल भट्ट ၊
कमल भट्ट पर आरोप है कि वो आये दिन गांव की महिला राजमती व उसकी बेटी को डराता धमकाता है

अब सोचने वाली बात ये है कि यदि किसी बेटी को कोई परेशान कर रहा हो तो उसके पिता या भाई तो विरोध करेंगे ही तो जब राजमती के पिता शयाम लाल ने इसका विरोध किया तो बाहरी लोगों ने श्याम लाल को SCST एक्ट में फंसा दिया वो कुछ इस तरह से ၊
कथित बाबा का एक मजदूर मेरठ से मंजकोट पहुचा रात में ओर सुबह पटवारी कौड़िया4 के पास रिपोर्ट दर्ज किया कि श्याम लाल ने उसे जाति सूचक शब्दो से पुकारा है जिसका अब श्याम लाल पर कोट में केस चल रहा है
अब सोचने वाली बात ये है कि क्या मेरठ से रात में मंजकोट पहुचने वाले व्यक्ति ने अपने गले में जाति प्रमाण पत्र लटकाया था जो श्याम लाल को उसकी जाति का पता चला
इस मामले में बहुत पहले शिकायत पर तहसील प्रसासन लैंसडौन राजमती के गांव मंजकोट पहुचे तो उनके सामने राजमती ने अपना दुखड़ा रोते हुए बताया

बाहरी लोगों द्वारा गांव के एक युवा अनुज को गांव में ही पीट दिया जाता है व उसकी कम्प्लेंट पर कोई कार्यवाही नहीं होती
इसके बाद तहसील प्रसासन ने मामले रजामंदी करवाई ओर बात हुई कि अब ऐसा कुछ नहीं होगा
लेकिन 17 नवम्बर 2019 को फिर से शाम को 6 बजे कमल भट्ट नाम के व्यक्ति ने राजमती को फिर से धमकाया व जान से मारने की धमकी दी
तो 18 नवम्बर को राजमती उप जिलाधिकारी लैंसडौन के पास लिखित रिपोर्ट दी उप जिलाधिकारी ने कमल भट्ट को खूब लताड़ा व पटवारी को इस पर कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए लेकिन इसमें भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तब गाँव के युवा अनुज व अपाहिज राजमती ने कोटद्वार में थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज किया तो लैंसडौन sdm ने उनको ये कहकर विरोध शांत किया कि वे जल्द कठोर कार्यवाही करेगी पर हुआ उल्टा अपाहिज राजमती व उसके पिता का शांति भंग 116 में चालान कर दिया गया ၊
अब मामले के एक पहलू ये भी है कि आज तक जितने भी कम्प्लेंट मंजकोट वासियो ने दी उनपर कोई कार्यवाही नहीं हुई जबकि बाहरी लोग कोई भी कम्प्लेंट करते हैं तो तुरन्त गांव वालों पर कार्यवाही हो जाती है इसका जीता जागता उदाहरण है SCST एक्ट

इस मामले को इसी छेत्र के पत्रकार इन्द्रजीत असवाल ने बहुत पहले से सोशल मीडिया व खबर इंडिया24×7 व पर्वतजन न्यूज़ पोर्टल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी चली इसके साथ साथ आपको इस कथित बाबा का परिचय भी दे देते हैं

कथित बाबा चंद्रमोहन पर 2005 में अपनी ही पत्नी की हत्या का आरोप है जिसका इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस चल रहा

इस खबर को प्रमुखता से छापने पर पत्रकार इन्द्रजीत असवाल को को भी कई बार धमकी मिल चुकी है
जब इस ग्राम सभा के पूर्व प्रधान महावीर सिंह द्वारा इस मामले पर dm तक रिपोर्ट की गई तो बहरी लोगो ने उनके ऊपर RTI लगाकर परेशान करने की कोशिश

इस अवसर पर सुबोध पोखरियाल पूर्व जिलाध्यक्ष वर्तमान अध्यक्ष स्थाई राजधानी गैरसैंण निर्माण समिति,जनपद प्रभारी श्री महेंद्र सिंह रावत जी,जिला अध्यक्ष श्री मनमोहन पंत,जिला प्रवक्ता श्री विपिन रावत, जिला महामंत्री श्री दरबान सिंह,पूर्व केंद्रीय प्रवक्ता श्री सुरेश चंद्र जुयाल ,सोशल मीडिया प्रभारी चौबट्टाखाल श्री प्रीतम असवाल ,ब्लॉक अध्यक्ष पाबौ श्री देवेश डोभाल आदी उपस्थित रहे,साथ ही उक्रांद ने कहा जंहा उत्तराखंड वासियो के हितों की बात होगी उक्रांद सदैव वँहा खड़ी होगी इस पर संबंधित अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया ।

– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।