मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक कर रहे केवल बैठक परिणाम शून्य

*डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गिनाए अपने ढाई साल के गुड़ वर्क

लखनऊ- एक तरफ उत्तर प्रदेश में अपराध चरमसीमा पर है। रोज हो रहे हत्या,चोरी,लूट ,और भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगाने में यूपी पुलिस असफल साबित हो रही है तो वहीं पुलिस महकमे में इसकी खलबली मची हुई है ।सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर पुलिस के मुखिया ओपी सिंह तक अपराध को नियंत्रण करने के लिए बैठक पर बैठक कर रहे हैं लेकिन परिणाम शून्य नज़र आते दिख रहा है।मंगलवार देर शाम तक प्रदेश के मुख्यमंत्री ने डीजीपी ओपी सिंह ,अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी,व सभी जोनल एडीजी के साथ लोकभवन मे बैठक की ,प्रदेश में हो रहे हत्याओं ,लूट ,चोरी,छेड़छाड़, जैसे तमाम मुद्दों पर मंथन कर सभी को दिशा निर्देश दिया तो वहीं अगले दिन बुधवार को डीजीपी ओपी सिंह ने शाम 4 बजे सिग्नेचर बिल्डिंग गोमतीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने ढाई साल में किये गए गुड़ वर्क की जानकारी दी डीजीपी ओपी सिंह ने बताया की प्रदेश में भ्र्ष्टाचार नियंत्रण की शिकायतों पर डीजीपी नियंत्रण कक्ष इंटीग्रेटेड सुपरविजन से कानून व्यवस्था में मॉनिटरिंग की जाएगी। यूपी हंड्रेड के माध्यम से भ्रष्टाचार की शिकायतें भी प्राप्त होती हैं जिन्हें डीजीपी नियंत्रण कक्ष से इंटीग्रेट कर अपर पुलिस महानिदेशक अपराध लोक शिकायत कानून व्यवस्था के माध्यम से समय वध समाधान किया जाएगा। गलत शिकायत पाए जाने पर शिकायतकर्ता के विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी तथा प्रत्येक शिकायतकर्ता को वस्तुस्थिति परिणाम से अवगत कराने के निर्देश दिए गए है।मुख्यालय स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा भी होगी ।डीजीपी मुख्यालय भष्ट्राचार पर ज़ीरो टॉलरेंस हेतु कार्य कर रहे हैं।तो वहीं पुराने रिकॉर्ड के साथ बताया कि वर्ष 2014 में ट्रैप के जहां 14 प्रकरण थे,वहीं 2018 में 80 एवं 2019 में 72 प्रकरणों में सफल ट्रैप किया गया है इसे और प्रभावी बनाकर विभिन्न विभागों में भ्र्ष्टाचार पर निर्णायक विजय प्राप्त करने में हम सहायक होंगे ।
क्राइम के मामले में पुलिस ने बहुत अच्छे काम किए।भ्र्ष्टाचार के मामले में जो पेंडिंग इन्वेस्टिगेशन है उन्हें जल्द कराए जाएंगे सभी एडीजी के साथ बैठक हुई सभी को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है। तो वहीं बीते ढाई साल में उत्तर प्रदेश में आम जनमानस में पुलिस की छवि एवं उनकी पुलिस से अपेक्षाओं पर सर्वे की जानकारी दी । डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कार्यदाई संस्था ने स्वतंत्र रूप से सर्वे एजेंसी का चयन किया एवं उन को प्रशिक्षित किया गया सर्वे के उत्तरों को सीएएपीआई पर इलेक्ट्रॉनिक रूप में रिकॉर्ड किए गए ताकि डाटा की अक्षुण्यता बनी रहे।डीजीपी ने बताया की जब उत्तरदाताओं ने जब यह पूछा कि एक अच्छे पुलिस अधिकारी के कौन कौन से गुड़ होते है तो 82 प्रतिशत ने ईमानदारी,65 प्रतिशत विनम्रता,56 प्रतिशत निष्ठा तथा 35 प्रतिशत ने सहानुभूति के साथ समस्या को सुनना बताता ।पुलिसिंग व्यवस्था को और सुदृढ करने के सुझाव में 61 प्रतिशत व्यक्तियों ने सार्वजनिक स्थल पर और अधिक पुलिस बल की तैनाती का सुझाव दिया।42 प्रतिशत ने पुलिस परियोजनाओं की बेहतर जानकारी देना तथा 40 प्रतिशत ने अधिक महिला कर्मियों के व्यवस्थापन का सुझाव दिया।चिन्मयानंद प्रकरण में पत्रकारों के सवाल पर बताया की पुलिस बारीकी से जांच में जुटी हुई है ,दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है ,ट्रैफिक पुलिस के बारे में बताते हुवे कहा कि ट्रैफिक पुलिस चेकिंग के के नाम पर परेशान करने का मामला भी आ रहा है जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नही किया जाएगा ऐसे पुलिसकर्मियों को चिंहित कर कार्रवाई भी की जा रही है।डीजीपी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के चिन्तन सभागार में सी जी एच एस की अनुमन्य दरों पर 14 जनपदों से आये हुवे विभिन्न संस्थाओं के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ बैठक की बैठक में तय हुई कि सीजीएचएस दरों पर सेवाएं उपलब्ध होने से पुलिस कर्मी आवश्यकता स्तिथि में कम खर्च में अपना एवं अपने परिवार का बेहतर इलाज करा सकेंगे।
मीडिया के माध्यम से जनता से अपील भी किया जनता ट्रैफिक नियम का पालन करे जिसे किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का कोई दिक्कत न हो।बेकसूर लोगों को जेल भेजने के सवाल पर कहा कि हमने अपने पुलिसकर्मियों को बताया है कि किसी भी विवेचना में विवेचक को ध्यान रहे कि कोई बेकसूर जेल न जाये आपराधी ही जेल जाए।

– लखनऊ से आसिफ खान

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