मध्यप्रदेश के लिये एक जुलाई 2018 का दिन होगा ऐतिहासिक

मध्यप्रदेश- इस दिन से मध्यप्रदेश सरकार लाखों पंजीकृत श्रमिकों और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली के मामले में बहुत बड़ी राहत देने जा रही है। कम आय वाले श्रमिक और बीपीएल उपभोक्ताओं को अब बिजली के बड़े बिल को लेकर चिंता नहीं करनी होगी। पंजीकृत श्रमिकों को प्रति माह बिजली बिल मात्र 200 रूपये का भुगतान करना होगा। इससे ज्यादा राशि का बिल आने पर उसकी पूर्ति राज्य शासन द्वारा सब्सिडी देकर की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल और मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना-2018 में पंजीकृत श्रमिकों को बिजली बिलों में राहत देने के लिये एक जुलाई से व्यापक स्तर पर सरल बिजली बिल स्कीम एवं मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम को लागू किया जा रहा है। सरल बिजली बिल स्कीम का लाभ 88 लाख पंजीकृत श्रमिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम से 77 लाख पंजीकृत श्रमिक और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ता लाभांन्वित होंगे।
सरल बिजली बिल स्कीम में शामिल होने के लिये कोई अंतिम तिथि नहीं होगी। वितरण केन्द्रों में हितग्राहियों को लाभ देने की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। जहां मीटर स्थापित होंगे, वहां उनमें अंकित खपत के आधार पर बिल की राशि की गणना की जायेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के अनमीटर्ड संयोजनों पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिल की गणना की जायेगी। उपभोक्ता को केवल 200 रूपये प्रति माह देने होंगे, शेष राशि की सब्सिडी शासन द्वारा दी जायेगी। पात्रताधारी परिवारों को बिना कनेक्शन प्रभार लिये (नि:शुल्क) बिजली कनेक्शन की सुविधा दी जायेगी। राज्य शासन वार्षिक सब्सिडी के रूप में एक हजार करोड़ रूपये उपलब्ध करायेगा। हितग्राही के स्वयं उपभोक्ता होने पर स्कीम का लाभ मिलेगा। उपभोक्ता परिवार का सदस्य होने और साथ में निवास करने पर भी लाभ की पात्रता रहेगी। इसके लिये परिवार का सदस्य वही माना जायेगा, जो समग्र डाटाबेस में परिवार के रूप में दर्ज होगा। उपभोक्ता के चाहने पर 500 रूपये के स्टाम्प पर नामांतरण की सुविधा रहेगी। एयर कंडीशनर (ए.सी.), हीटर, एक हजार वॉट से अधिक के उपभोक्ता योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में स्कीम के तहत सुविधा केवल बल्ब, पंखा और टी.वी. चलाने पर ही मिलेगी। एक हजार वॉट में 4 बल्ब, 2 पंखे, एक टीवी और एक कूलर चल सकेंगे।

– राजेश परमार , आगर मालवा

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