मध्यप्रदेश:हर दिन वायरल हो रही सूचियां उड़ा रही दावेदारों की नींद

मध्यप्रदेश- विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद से ही सोशल मीडिया में हर दिन प्रत्याशियों की सूचियां वायरल होने से पार्टी के दावेदार परेशान हो गए हैं जिसका नाम सूची में आता है वह खुश हो जाता है और जब अपने वरिष्ठों से जानकारी लेता है तो पता चलता है कि अभी नाम तय होने में समय हैं जनचर्चा के तौर पर देखा जाए तो दमोह जिले की चारों विधानसभाओं में दमोह से भाजपा और कांग्रेस से जबेरा विधानसभा के प्रत्याशी तय माने जा रहे हैं बाकी सीटों को लेकर किसी का भी आगे चलने की खबर मिलती है तो कभी किसी के पीछे होने की जानकारी सामने आ रही है।जैसे-जैसे सीटों की घोषणा होने का समय नजदीक आ रहा है तो अफवाहों का बाजार भी गर्म हो रहा है।

एक नजर जबेरा विधानसभाओं की ओर- जहां एक और कांग्रेस में सिंगल नाम तय माना जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा में हलचल मची हुई है:-

जबेरा विधानसभा से प्रताप सिंह लोधी का टिकट भी लगभग तय माना जा रहा है वे वर्तमान विधायक भी है कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी में उनका नाम सिंगल सूची में शामिल होने की खबर है यहां पर भाजपा से कई दावेदार हैं इनमें से राघवेंद्र सिंह लोधी/ चंद्रभान सिंह लोधी/ पूर्व राज्यमंत्री दशरथ सिंह लोधी/ तो वहीं दूसरी ओर रुपेश सेन का नाम भी सामने आ रहा है ! इन नामों में सबसे आगे राघवेंद्र सिंह लोधी के होने की खबर एक सूची के माध्यम से वायरल हुई है दो दिन पहले सोशल मीडिया पर जिले की चारों विधानसभा के भाजपा प्रत्याशियों के नाम वायरल हुए थे इसमें जबेरा विधानसभा से राघवेंद्र सिंह लोधी का नाम दिया गया था। तो वहीं दूसरी ओर अन्य दावेदारों में दशरथ सिंह लोधी जो पूर्व में दो बार जबेरा से उप चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं तो वहीं भाजपा से चंद्रभान सिंह लोधी जो दमोह से विधायक और फिर सांसद बन चुके हैं विधानसभा चुनाव में जतिगत समीकरण का विशेष रोल होता जा रहा है।

तो वहीं दूसरी ओर चुनावों माहौल में लोधी जातिगत वोट बैंक भी यहां असरदार है:-

तो वहीं दूसरी ओर जबेरा विधानसभा क्षेत्र में लोधी जातिगत वोट बैंक भी असरदार बताया जा रहा है लोगों की माने तो पूर्व में यहां से भाजपा विधायक रहे दशरथ सिंह लोधी/ और चन्द्रभान सिहं लोधी दमोह सांसद रहे तो वहीं / राघवेंद्र सिहं लोधी भी शामिल है फिर भी तीसरे दल के दखल से भाजपा और कांग्रेस के बीच में मुकाबला तगड़ा हो रहा है बीते चुनाव की तरह उम्मीदवारी रही तो तीसरे दल को भी यहां बल मिल सकता है इस सीट पर जातीय समीकरण तैयार करने दोनों प्रमुख दल कोई भी कोर -कसर छोड़ना नहीं चाह रहे हैं इसके लिए आला नेताओं ने जमीनी रणनीति तैयार कर ली है।

– विशाल रजक मध्यप्रदेश

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