बसपा विधायक शाह आलम गुड्डू जमाली की विधानसभा में क्षेत्र की समस्याएं को उठाये जाने पर चर्चा

आजमगढ़- बहुजन समाज पार्टी के विधायक शाह आलम गुड्डू जमाली एक बार फिर विधानसभा में मुबारकपुर क्षेत्र की समस्याओं को उठाये जाने को लेकर चर्चा में है। बीते 7 फरवरी 2019 को विधानसभा कार्यवाही के दौरान राज्यपाल अभिभाषण पर विधायक मुबारकपुर ने कहा कि मुबारकपुर क्षेत्र काफी पिछड़ा है, जहां गरीब, बुनकर मजदूरी करके किसी तर जीविकोपार्जन करते है लेकिन आज तक सरकार क्षेत्र को उपेक्षित किये हुए है। उन्होंने मुबारकपुर में आईटी और इंजीनियरिंग कालेज व छात्राओं के लिए इंटर कालेज की स्थापना किये जाने की मांग सरकार से किया। इसके अलावा अमिलो और जहानागंज को नगर पंचायत या नगर पालिका की श्रेणी में लाने हेतु आवाज उठायी।विधानसभा में मुबारकपुर विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि अमिलो गांव मुबारकपुर विधानसभा का नहीं बल्कि आबादी के हिसाब से प्रदेश के बड़े गांव में शामिल है। जिसे नगर पालिका मुबारकपुर से जोड़ दिया गया है। उन्होंने 30-35 हजार की आबादी वाले अमिलो के विकास के लिए उसे नगर पंचायत या नगर पालिका घोषित किये जाने की मांग किया। उन्होंने बताया कि जहानागंज की भी आबादी 20 हजार से ऊपर है उसे भी नगर पंचायत बनाया जाना अति आवश्यक है। इसके बाद श्री जमाली ने मुबारकपुर बस डिपो को सुचारू रूप से संचालन की मांग उठाते हुए कहा कि करोड़ों रूपये की लगात से बस डिपो बना दिया लेकिन आज तक उसका संचालन सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। जिसके कारण क्षेत्र की जनता को अभी भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि इन समस्याओं को अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए इस पर विचार करें ताकि गरीब, बुनकर, मजदूर किसान सहित आमजन लाभांवित हो और पूरे क्षेत्र का विकास हो सकें। उन्होंने क्षेत्र की विद्युत समस्या को उठाते हुए कहा कि मुबारकपुर बुनकर बाहुल्य क्षेत्र है लेकिन यहां विद्युत आपूर्ति बदहाल हैं। पूरे क्षेत्र को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से दिया जाये ताकि बुनकर व किसान अपनी रोजी रोटी के लिए 24 घंटे कार्य कर सकें। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाये और सरकार की नीतियों पर कुठाराघात करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर है। पुलिस अफसर भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती है लेकिन जनता की पीड़ा को समझना और उसका निराकरण करना ही शासन की प्राथमिकता होनी चाहिए अफसोस है कि मौजूदा सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने वक्तव्य के दौरान कविता ’’एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुमने देखा हीं नहीं आंखों का समंदर होना’’ कहकर व्यवस्था पर कटाक्ष किया।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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