पर्ची के अभाव में बिचैलियों के हाथ औने-पौने दाम में किसान बेच रहे हैं गन्ना

आजमगढ़ – आर्थिक स्तर ऊंचा करने के लिए पारंपरिक खेती छोड़कर गन्ने की खेती अपनाने वाले किसान पर्ची के अभाव में बिचैलियों के हाथ औने-पौने दाम में गन्ना बेच रहे हैं, जिससे मुनाफा तो दूर किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है। जबकि बिचैलिए किसानों का गन्ना सस्ते दाम पर मिल के क्रय केंद्रों पर ही खरीदकर मालामाल हो रहे हैं। किसानों ने बताया कि अभी भी उनके रकबे के अनुसार पर्ची नहीं मिल पा रही है, जिससे किसानों का गन्ना पर्ची के अभाव में खेतों में ही सूख रहा है। किसानों की इसी मजबूरी का फायदा बिचैलिए उठा रहे हैं। क्षेत्र में ऐसे लोगों की खासी संख्या है जो थोड़ा बहुत गन्ने की खेती कर रहे हैं। लेकिन मिल के सर्वे करने वाले से मिलीभगत कर लंबा सट्टा बनवा लिए हैं, जिससे उन्हें भारी मात्रा में पर्ची मिल रही है। इन्हीं पर्चियों के सहारे बिचैलिए क्रय केंद्रों पर ही किसानों से सौ से डेढ़ सौ रुपए कुंतल गन्ना खरीद कर मिल को बेच कर मालामाल हो रहे हैं और किसानों को पर्ची की कमी खटक रही है। केंद्र लिपिक गन्ना तौल में हेराफेरी कर बढ़ा गन्ना बिचैलियों की पर्ची पर गन्ने की खरीद दर्ज कर देते हैं।
गन्ना पर्ची व कालाबाजारी के चलते बूढ़नपुर तहसील में किसानों ने प्रदर्षन किया। किसानों का आरोप है कि उन्हे रकबे के अनुसार पर्ची नहीं मिल रही है। जब कि बिचैलिये गन्ना तौल लिपिक से मिलकर हेराफेरी कर रहे हैं। ग्राम पंचायत देउरपुर के किसान त्रिवेणी सिंह ने उपजिलाधिकारी इन्द्रभान तिवारी को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि उन्हे एक भी गन्ना पर्ची प्राप्त नहीं हुई है जब कि बीते वर्ष उन्हे पर्ची मिली थी। इस वर्ष गन्ना पड़ताल के नाम पर प्रति खेत किसानों से 2000 रूपया वसूला गया। जो किसान सुविधा शुल्क देने से मना कर दिये। उन किसानों की गन्ना सर्वे नहीं किया गया। छोटे किसानों के गन्ने का सर्वे नहीं किया गया। नतीजन आज तक एक भी पर्ची प्राप्त नहीं हो सकी। किसान लक्ष्मी चौबे ने आरोप लगाया कि बूढ़नपुर समिति के अधिकारियों की मिली भगत से बिचैलियों को पर्ची की कालाबाजारी की जा रही है। जिससे किसान मजबूरन गन्ने को बिचैलियों के हाथ औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं। गन्ना पर्ची व कैलेण्डर में कालाबाजारी के चलते किसानों ने बूढ़नपुर तहसील पर प्रदर्षन किया। किसानों का आरोप था कि विभाग जानबूझ कर किसानों को गन्ना पर्ची व कैलेण्डर जारी नहीं कर रहा है। जिसके कारण किसानों को भारी परेषानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी इन्द्रभान तिवारी ने कहा कि विभागीय कर्मचारियों से बात कर इस समस्या का हल शीघ्र निकाला जायेगा।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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