बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दयाराम पाल के सुर सपा में शामिल होते ही बदले

आजमगढ़- बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दयाराम पाल का सुर सपा में शामिल होते ही बदल गया है। उन्होंने एक तरफ जहां अखिलेश यादव की तुलना कृष्ण से की वहीं बसपा और भाजपा पर जमकर हमला बोला। कहा कि बसपा भाई चारा के लिए जानी जाती थी लेकिन चारा बिक गया और भाई लोगों ने खरीद लिया। बसपा में अब न तो कांशीराम का सिद्धांत चलता है और ना ही अंबेडकर के मिशन से बसपा मुखिया को कोई लेना देना है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछड़े समाज के लोगों को देने वाले बनो लेेने वाले नहीं। जब आप किसी से लोगों तो देने वाला आपसे अपेक्षा करेगा। इसलिए अपने वोट को मत बेचो। आज वोट खरीदे जा रहे हैं। सरकारें वोटरों को खरीद रही हैं। गरीब, दलित और पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है। गीता और रामचरित मानस में कहा गया है कि जब जब धर्म की हानि होती है और अत्याचार बढ़ता है तो कोई जन्म लेता है और अत्याचार का अंत कर धर्म की स्थापना करता है। जैसे महाभारत काल में कृष्ण का जन्म हुआ था। अखिलेश यादव का जन्म भी इसीलिए हुआ है। अखिलेश यादव सर्व समाज की सहयोग से अन्याय, अत्याचार को समाप्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि मैंने कांशीराम की नीतियों से प्रभावित होकर बसपा का साथ चुना था। उस समय पार्टी का एक मिशन था। अन्याय के खिलाफ लड़ना और भाईचारा को कायम करना। आज चारा बिक रहा है और भाई लोग खरीद रहे हैं। अब बसपा में उन्हें उबन होने लगी थी। इसलिए उन्होंने अखिलेश यादव का साथ चुना है। बसपा में बोलने की आजादी किसी को नहीं है बस एक ही बोल सकता है चाहे वह सही हो अथवा गलत हो। सपा में जब से आया हूं बोल रहा हूं अन्याय के खिलाफ जो लड़ेगा उसकी जीत होगी। हमने अखिलेश से कहा है आप गांडीव उठाइए हम आपके साथ हैं।
बता दें कि मूल रूप से आजमगढ़ मंडल के मऊ जनपद के सिंहपुर पिलउम के रहने वाले दयाराम पाल बसपा के संस्थापक सदस्यों में से हैं। वर्ष 1984 में वह बसपा के गठन के समय आजमगढ़ दीवानी न्यायालय में वकालत छोड़ बसपा में शामिल हुए थे। वर्ष 1997 में उन्हें बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। बाद में उन्हें एमएलसी भी बनाया गया। वर्ष 2007 में यूपी में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो मायावती द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। उनके पार्टी छोड़ने से बसपा को बड़ी क्षति मानी जा रही है।

रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़

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