प्यारे नबी की बेटी जनाबे फातेमा और इमामों के मज़ार ढहाने के कारण आले सऊद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अब्दुल्लाहपुर, मेरठ- 1925 में 8 शव्वाल के दिन जंतुलबकी जहा पर शिया समाज के चार इमाम और नबी ए उम्मते इस्लाम की बेटी बीबी फातिमा जहरा (अ. स.) की कब्रे मौजूद है वहा मज़ार मौजूद थे।
सऊदी अरब के नौकर और कारिंदों ने मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब के कहने पर इनके मज़ारो को शहीद करवाया था।
अब्दुल्लापुर (मेरठ) के शिया समुदाय ने मज़ारो की शहादत पर बरसी को मनाते हुए लोग डॉउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सऊदी हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनसे उन मज़ारो की तामीर की मांग की। और कहा कि हम चाहते है की दूसरे मज़ारो की तरह रसूले अकरम (स.अ.व.व) की बेटी का मज़ार भी तैयार कर सकें।

इस प्रोग्राम का संचालन अब्दुल्लापुर निवासी सैयद फैजी नकवी ने किया और इस प्रोग्राम की सदारत शहीदे राबे ग्रुप के सदर हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मीसम नकवी साहब ने की।
उवैस नकवी, सुल्तान नकवी, नोहेखान मीसम नकवी, मुबारक नकवी, आलम नकवी और मौहम्मद हम्ज़ा नकवी आदि शामिल रहे।

*जन्नतुल बकी मे दफ्न शख्सियात*

1. जनाबे फातेमा ज़हरा (स.अ.) 11 हिजरी

2. इमाम हसन अलैहिस्सलाम 50 हिजरी

3. इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम 94 हिजरी

4. इमाम मौहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम 114 या 116 हिजरी

5. इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम 148 हिजरी

6. जनाबे इब्राहिम इब्ने रसूले खुदा (स.अ.व.व)

7. जनाबे मौहम्मदे हनफया इब्ने इमाम अली (अ.स) 80 हिजरी

8. जनाबे फातेमा बिन्ते असद

9. जनाबे अक़ील इब्ने अबुतालिब

10. जनाबे अब्दुल्लाह इब्ने जाफर इब्ने अबुतालिब 80 हिजरी

11. जनाबे इस्माईल इब्ने इमाम सादिक़

12. जनाबे अब्बास इब्ने अब्दुल मुत्तलिब 33 हिजरी

13. जनाबे सफीया बिन्ते अब्दुल मुत्तलिब

14. जनाबे आतेका बिन्ते अब्दुल मुत्तलिब

रसूले अकरम की बीवीयां

15. जनाबे जैनब बिन्ते खज़ीमा 4 हिजरी

16. जनाबे रिहाना बिन्ते ज़ुबैर 8 हिजरी

17. जनाबे मारीया क़िब्तिया 16 हिजरी

18. जनाबे ज़ैनब बिन्ते जहश 20 हिजरी

19. उम्मे हबीबा बिन्ते अबुसुफयान 42 हिजरी

20. हफ्सा बिन्ते उमर 50 हिजरी

21. आयशा बिन्ते अबुबकर 57 या 58 हिजरी

22. जनाबे सफीया बिन्ते हई बिन अखतब 50 हिजरी

23. जनाबे जुवेरीया बिन्ते हारिस 50 या 56 हिजरी

24. जनाबे उम्मे सलमा 61 हिजरी

तारीखी किताबो मे मिलता है कि इन हज़रात के अलावा भी दूसरे सहाबा, ताबेईन और आले मौहम्मद की कब्रे भी जन्नतुल बक़ी मे मौजूद है।

लेकिन अफसोस के साथ कहना पढ़ता है कि आले सऊद की जो अस्ल मे खैबर के यहूदीयो की एक शाख़ है’ ने 8 शव्वाल 1343 मुताबिक़ मई 1925 को इस अज़ीम क़ब्रिस्तान मे बनी हुई तमाम गुम्बदो और रोज़ो को शहीद कर दिया।

– रविश आब्दी सहारनपुर

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