पुर्णिया सहित बिहार के सभी जिलों में चुनावी हवा हो रही है तैयार

पूर्णिया/बिहार- पुर्णिया सहित बिहार के सभी जिलों में राजनीतिक सरगर्मियां सर चढ़ कर बोल रही हैं। चाहे मुद्दा कुछ भी हो नेता और पार्टी जान इसको राजनीतिक रंग देकर जनता को आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार कर रहे है। कही पुलिस प्रशासन को कठघरे में खड़ा करके हो या फिर मुख्यमंत्री का पुतला जला कर अपना विरोध प्रदर्शन करके भोली भाली जनता को गुमराह कर रही हैं। पर इन सब बातों को नजरअंदाज करके सब अपने काम मे लगे हुये है। अभी लोकसभा चुनाव आने में 6 से 8 महीना बांकी है पर सभी राजनीतिक दलों के द्वारा ग्राऊंड तैयार किया जा रहा है। पर अब समय बदल गया है जनता भी जानती हैं हमे किसको वोट देना है और किसको नहीं पर ये अलग बात है कि सभी नेता और पार्टी अपना अपना काम कर रही हैं। रोजसभा करना ,लोगो से मिलना , कन्विंस करना अभी से जारी है मतलब ये समझ लीजिये कि चुनाव लड़ने और उसे अपने मुकाम तक पहुचाने के लिए जो भी हथकंडा अपनाना हो ,राजनीतिक दलों के द्वारा किया जा रहा है। अगर पुलिस प्रशासन के द्वारा कुछ भी बड़ी करवाई की जाती हैं तो उसे भी राजनीतिक दल अपने रंग में रंग कर जनता के समक्ष पेश कर रही हैं। कहा जाता है कि पुलिस प्रशासन के द्वारा मनमानी की जा रही हैं।जैसे कि कल आरएन साह चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुतला फूंका गया। इसका नेतृत्व युवा राजद के जिलाध्यक्ष मु. शहनवाज आलम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गया जिले में चिकित्सक के परिवार के साथ दुष्कर्म की घटना, पूर्णिया के प्रतिष्ठित वकील पीएस पराग के घर पुलिस द्वारा की गई छापामारी एवं मीनू कुमारी की हत्या में गिरफ्तार निर्दाेष लोगों पर झूठा मुकदमा दर्ज करने के विरोध में मुख्यमंत्री का पुतला फूंका गया।
मतलब साफ निकल कर कर आता है कि अगर पुलिस कुछ न करे तो उसे निकम्मा कह देना और अगर पुलिस करवाई करे तो सड़क जाम कर , अनशन कर , पुतला दहन कर विरोध कर करना आखिर ये राजनीतिक दल क्या साबित करना चाहती हैं ।
जनता को समझना होगा कि लोग किस तरह से इस झूटी राजनीति का शिकार होते जा रहे हैं। क्या हम स्वक्ष और ईमानदार नेता को अपने लिए चुन पा रहे हैं। अगर आज सही चयन किये होते तो इस महंगाई की मार नही झेलनी पड़ती।
– पूर्णिया से शिव शंकर सिंह की रिपोर्ट

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